यदि लोको पायलट ब्रेक लगाते हुए लाल बत्ती को पार कर जाए और उसका इंजन आगे जाकर रुक जाए, तो इस परिस्थिति में क्या होगा? जानिए

इसको कहते हैं- सिग्नल ओवरशूट करना। किसी भी चालक और सहायक चालक के लिए यह बहुत ही भयावह स्थिति है।

1- जैसे ही स्टेशन मास्टर को पता चलता है कि ट्रेन लाल सिग्नल पार कर गई वैसे ही ओएचई सप्लाई काट दी जाती है।

2- डीवीजन से लेकर रेलवे बोर्ड तक खलबली मच जाती है।

3- तुरंत घटनास्थल पर संबंधित अधिकारी पहुंचते हैं।

4- ड्राइवर का ब्लड सैंपल लेने के लिए तुरंत डॉक्टर को भेजा जाता है।

5- ड्राइवर को मेमो दिया जाता है कि आप ने लाल सिग्नल पार कर दिया है अब आप सिग्नल के अंदर गाड़ी को बैक करिए।

6- एक नया क्रू ट्रेन चलाने के लिए भेजा जाता है और जिस क्रू ने लाल सिग्नल पार किया था उसे निलंबित कर दिया जाता है।

7- लाल सिग्नल पार करना गंभीर दुर्घटना की श्रेणी में आता है , इसलिए इसकी इंक्वायरी होती है।

8- ड्राइवर को सभी उच्च अधिकारियों के पास बयान देने जाना पड़ता है, ड्राइवर के साथ गार्ड, स्टेशन मास्टर, सेक्शन कंट्रोलर, सिग्नल डिपार्टमेंट के कर्मचारी भी अपना लिखित बयान दर्ज कराते हैं।

9- यह सब इंक्वायरी होने में महीनों लग जाते हैं और इसके बाद ड्राइवर को चार्जशीट एस एफ -5 दिया जाता है।

10- इसके बाद ड्राइवर को या तो जबरदस्ती रिटायरमेंट दे दिया जाता है या कहीं और काम पर रख दिया जाता है, यह अधिकारियों के ऊपर निर्भर करता है। इसके साथ ही इंक्रीमेंट, प्रमोशन और ट्रेवेल पास कुछ सालों के लिए बंद कर देते हैं।

यह स्थिती ड्राइवर के लिए बहुत ही तनावपूर्ण और खतरनाक होती है, ऐसा किसी भी क्रू के साथ नहीं होना चाहिए।

सिग्नल को ओवरशूट करने के संभावित कारण-

1- अति आत्मविश्वास कभी कभी चालक को लगता है कि गाड़ी सिग्नल से पहले अवश्य खड़ी हो जाएगी इसलिए वे निर्धारित गति का पालन नहीं करते और ब्रेक लगाने पर ट्रेन सिग्नल पार कर जाती है।

2- ब्रेक पावर का कमजोर होन ट्रेन स्टार्ट करने से पहले चालक को ब्रेक पावर टेस्ट करना चाहिए जिससे अंदाज हो सके की कितनी दूरी पर ट्रेन रुक सकती है। कभी कभी चालक इसमें भी ओवरशूट कर जाते हैं।

3- सिग्नलों का पालन अनुमान के आधार पर करने से ओवरशूट हो सकता है।

4- चालक दल का ध्यान सिग्नलों की जगह किसी दूसरी जगह केंद्रित होने पर घटना हो सकती है।

5- रास्तों की उचित जानकारी ना होने पर

6- ट्रेन स्टेशन पर पहुंचने से पहले या चलने से पहले सिग्नल को अनदेखा करके अन्य कार्य को करना जैसे- बातचीत करने लगना, डायरी मेंटेन करना, खुद का सामान बैग में भरना या निकालने लगना ।

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