मौसम विभाग ने गुजरात के लिए जारी की चेतावनी, तूफ़ान टोकटे अगले 12 घंटों में और ले सकता है भयंकर रूप

भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफ़ान टोकटे अगले 12 घंटों में और भयंकर रूप ले सकता है.

आशंका जताई जा रही है कि यह चक्रवाती तूफ़ान अभी और गति पकड़ेगा जिसके कारण सोमवार को 160 किलोमीटर प्रति घंटे से भी तेज़ हवाएं चल सकती हैं.

चक्रवाती तूफ़ान टोकटे के कारण कई प्रभावित इलाक़ों में तेज़ हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश भी जारी है.

भारतीय मौसम विभाग ने गुजरात के तटीय ज़िलों और दीव तट के लिए चेतावनी जारी की है. मंगलवार सुबह तक तूफ़ान के यहां पर पहुंचने की आशंका है.

इसके कारण एनडीआरएफ़ के राहत दल की पांच टीमों को पुणे से अहमदाबाद भेजा जा रहा है.

हालांकि, टोकटे तूफ़ान गुजरात के तट की ओर बढ़ रहा है लेकिन अभी भी केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश और तेज़ हवाएं जारी हैं.

कर्नाटक और केरल में भारी बारिश
कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी ने बताया है कि इस चक्रवाती तूफ़ान के कारण 6 ज़िलों में बीते 24 घंटों में भारी बारिश देखने को मिली है और अब तक 4 लोगों की जान जा चुकी है.

द हिन्दू अख़बार के अनुसार केरल के एर्नाकुलम और कोझिकोड ज़िले में तूफ़ान के प्रभाव के कारण दो लोगों की मौत भी हो गई. वहीं क़रीब दो हज़ार से अधिक लोग अपना घर छोड़कर राहत-शिविरों में रहने को मजबूर हैं. इन लोगों के लिए 71 राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है.

राज्य में शनिवार को औसतन 145.5 मिमी बारिश दर्ज की गई.

राज्य के मुख्यमंत्री पीनाराई विजयन ने भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के आधार पर कहा है कि इस चक्रवाती तूफ़ान से बिजली आपूर्ति-सुविधा और कृषि क्षेत्र को भारी नुक़सान पहुंचा है.

चक्रवाती तूफ़ान के कारण तमिलनाडु के कई तटीय ज़िलों और लक्षद्वीप द्वीप समूहों में भी तेज़ बारिश हुई है.

अगले 48 घंटों में कर्नाटक के तटीय इलाक़ों, महाराष्ट्र और गुजरात में मूसलाधार बारिश और तेज़ हवाओं की आशंका है. इसके कारण पेड़ गिर सकते हैं, घास-फूंस के बने घरों को नुकसान हो सकता है और सड़कें भी प्रभावित हो सकती हैं.

मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी जारी की गई है. भारतीय मौसम विभाग ने उम्मीद जताई है कि यह चक्रवाती तूफ़ान टोकटे 18 मई दोपहर या शाम तक पोरबंदर और नालिया के बीच गुजरात तट से टकराएगा. इससे हवा की गति 175 किलोमीटर तक बढ़ जाएगी.

अनुमान है कि चक्रवाती तूफ़ान के गुजरात तट से टकराने से तटीय इलाक़ों में मूसलाधार बारिश होगी. इसके अलावा जूनागढ़, गिर-सोमनाथ, सौराष्ट्र, कच्छ, दीव, पोरबंदर, देवभूमि, द्वारका, अमरेली, राजकोट और जामनगर में तेज़ से बहुत तेज़ बारिश हो सकती है.

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, टोकटे चक्रवात 18 मई को गुजरात तट को पार करते हुए उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा. उस समय इसकी तीव्रता बहुत अधिक होगी.

मौसम विभाग ने तटीय इलाक़ों के मछुआरों के लिए चेतावनी जारी की है. यह चक्रवात ऐसे समय में आया है जब भारत कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है.

चक्रवात टोकटे से जुड़ी कुछ अहम बातें-
कर्नाटक के गृहमंत्री ने बताया कि यह चक्रवात शनिवार को कर्नाटक के तट से टकराया. राज्य के गृह मंत्री के हवाले से न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने लिखा है, “चक्रवात टोकटे कर्नाटक के तट से टकराया है. एनडीआरएफ़ की दो टीमें वहां मौजूद हैं. इसके अलावा एसडीआरएफ़ की तीन अन्य टीम भी तैनात की जा रही हैं. क़रीब एक हज़ार लोग कर्नाटक के तटीय इलाक़ों में दिन-रात काम करेंगे.”
बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) पांच सौ से अधिक कोविड मरीज़ों को सुरक्षित जगहों पर शिफ़्ट करेगा. तूफ़ान के कारण मुंबई में तेज़ हवाएं चल सकती हैं और भारी बारिश की भी आशंका है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को इस संबंध में एक मीटिंग की. महाराष्ट्र चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले पांच राज्यों में से एक है. मीटिंग में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा. ख़ासतौर पर तटीय इलाक़ों जैसे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में हर सुविधा के साथ तैनात रहने को कहा.
भारतीय रेल ने चक्रवाती तूफ़ान के कारण कुछ ट्रेनों को रद्द कर दिया है और कुछ ट्रेनें अपने नियत समय से देरी से चल रही हैं.

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