मेहनत और किस्मत में क्या महत्वपूर्ण है

हमारे आस पास ऐसे बहुत उदाहरण है जो मेहनत औरकिस्मत की कहानी को बताते हैं व्यक्ति अपने जीवन में कितनी मेहनत करता रहता है पर उसको वैसे परिणाम नहीं मिलते जैसे किसी दूसरे व्यक्ति को उस के बराबर या उस से कम मेहनत करने पर मिल जाते हैं ऐसे में व्यक्ति यह सोचता है किस्मत और मेहनत– की लड़ाई में कौन आगे निकलता हुआ दिखाई देता है।

जो लोग सिर्फ मेहनत को आगे रखते हैं तो उन को बहुत उदाहरण ऐसे– भी मिल जाएंगे जो दिन रात मजदूरी करते रहते हैं परंतु उनको इतने अधिक परिणाम नहीं मिलते इतने कम मेहनत करने वाले को मिलता है और अगर आप किस्मत को महत्व देते हैं तोआप को ऐसे व्यक्ति मिल जाएंगे जो किस्मत के नाम आलसी हो गए और मेहनत करने से बच रहे हैं फिर इस के बीच का रास्ता क्या है की व्यक्ति आलसी भी न हो और मेहनत कर ने पर उस का– परिणाम भी मिले.

इस बात को समझने के लिए मैं आप को दो दोस्तों की कहानी सुनाता हूं दो मित्र एक बगीचे में घूम रहे थे उनको एक आमों से भरा हुआ पेड़ दिखाई दिया उन्होंने यह कहानी सुन रखी थीइस पेड़ के आम बहुत मीठे दोनों ने मिलकर ठाना कि आज आम– तोड़ेंगे दोनों ने अपने-अपने पत्थर इकट्ठे किए और आम तोड़े— जब उन्हें अपनी पसंद के आम तोड़ दिए तो दोनों ने आपस मेंं–बांट कर जब खाए तो उसमें से एक मित्र के आम खट्टे थे और– दूसरे के मीठे.

इस कहानी में आप समझ गए होंगे व्यक्ति के हाथ में सिर्फ उस का कर्म या है मेहनत आपको अंत में जाकर फल मीठा मिलेगा या खट्टा यह किस्मत पर निर्भर करेगा पर किस्मत और मेहनत में एक बात तो समझ में आती है चाहे आपकी किस्मत साथ दे या ना दे वह आप के हाथ में नहीं है परंतु आप के हाथ में आप का मेहनत और कर्म है इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण मेहनत हो—- जाती है क्योंकि आप को फल मीठा मिले या फिर खट्टा दोनों— परिस्थिति में मेहनत तो करनी होगी इसलिए जो चीज आप के- हाथ में है वह मेहनत है अपने ज्ञान बुद्धि विवेक के अनुसार—-  मेहनत करें परिणाम किस्मत पर छोड़ दें.

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