मुल्ला नशरुद्दीन का यह किस्सा जो आज सच हो रहा है

बचपन मे हम ने अकबर और बीरबल की कहानिया बहोत सुनी है, लेकिन मुल्ला नाशरुद्दीन की कहानीया काफी कम। वैसे मुल्ला नाशरुद्दीन तुर्की के बुखारा शहर के रहने वाले थे, उनका नाता तुर्की से जुड़ा हुआ है लेकिन उनके किस्से दुनियाभर मे मशहूर है। उनके किस्से काफी ज्यादा मशहूर है, कभी बुद्धि से जुड़े हुए होते है और कभी मुरखाई से। मुल्ला नाशरुद्दीन के किस्से की एक किताब है हिन्दी मे दस्तान-ए-मुल्ला नाशरुद्दीन। वेद प्रकाशन ने प्रकाशित की है, आप पीडीएफ़ के फ़ारमेट मे डाउनलोड भी कर सकते या भी बूक स्टोर से खरीद भी सकते हो। तो चलिये जानते है क्या है वो किस्सा।

      एक बार मुल्ला नशरुद्दीन अपनी घर की छत पे बेठे थे शाम का वक्त था। वो उस शाम का मज़ा उठा रहे थे, फिर उनकी नज़र उनके गधे पे पड़ी। उन्होने सोचा इस खूबसूरत शाम का आनंद उसे भी लेना चाहिये, उसे भी इस शाम का आनंद उठाने का हक आखिर वो भी तो एक जीव है। वो नीचे जाते है और गधे को सीडियो से ऊपर लानेकी कोसिस करते है, लेकिन गधा तो गधा था वो सिडिया चढ़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। 

लेकिन मुल्ला ने जैसे तैसे करके गधे को ऊपर छत पे चढ़ाया। लेकिन मुल्ला ने देखा की गधा एक दम मायूस खड़ा है, उसे तो कोई खुसी ही नहीं थी। फिर मुल्ला ने उसे नीचे उतारने की कोसिस लेकिन वो उतार ही नहीं रहा था आखिर थक के मुल्ला खुद नीचे आ गये। जब मुल्ला नीचे गये तो छत पे से आवाज़ आने लगी मुल्ला ने जाकर देखा तो गधा अपने पेरो से छत को तोड़ने की कोसिस कर रहा है मुल्ला ने जाके रोका लेकिन गधा तो गधा था वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। उसने मुल्ला को गिरा दिया और थोड़ी देर बाद वो भी छत के साथ नीचे आ गीरा।

मुल्ला ने यह देख के तीन सबक सीखे, पेहला किसी भी गधे को ऊंची जगह पे पहोचाना नहीं चाहिये अगर कोई गधा ऊंची जगह पे पहोच जाता है तो पहले वो उस ऊंची जगह को पूरी तरह से बरबाद कर देता है। दूसरी बात वो आदमी जो उसे ऊंची जगह पे पहोचाता उसका भी नुकशान कर देता है और तीसरी खुद भी नीचे आ गिरता है और खुद का भी नुकशान कर देता है।

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