मुगल इतिहास में खाने खाना के रूप में किसे जाना जाता है? जानिए
अब्दुल रहीम जो अकबर के गुरु बैरम खान और शलीमा बेगम के पुत्र थे को खाने खाना कहा जाता है. बेराम खान हुमायूँ के बहुत विश्वासपात्र थे तथा उसके साथ ईरान भी गए थे शाह तहमदप से मिले और फिर कंधार काबुल फतह कर सुरियों को पंजाब मैं लुधियाना जे पास मछलीशर मैं हराकर दिल्ली पर अधिकार किया.
ये कृष्ण भक्त थे और कृष्ण भक्ति जोधा बाई से सिखी. जोधा बाई के महल मैं एक कृष्ण मंदिर था. इनका पालन पोषण जोधाबैई कि देखरेख मैं भी हुआ. बेराम खान कि हज पर जाते हुए मृत्यु हो जाने पर अकबर ने सलीमा बेगम से निकाह कर लिया और इनको पूरी अच्छी परवरिश डि. इनके सवंध मानसिंह तथा अन्य नवरत्नों से मधुर थे.
ये अकबर के नव रतनो मैं शामिल थे. इनकी बेटी का निकाह अकबर के दूसरे पुत्र दानियाल से हुआ था. दानियाल दककन का सूबेदार था तथा अधिक शराब पिने के कारण बीजापुर मैं मर गया था. ये सलीम को अकबर के बाद बादशाह बनवाने के खिलाफ थे और मानसिंह के भाँझे खुशरु को बादशाह बनवाना चष्टे थे. खुसरो के लिए इन्होने सलीम के खिलाफ युद्ध लड़ा और इन्हे सलीम ने युद्ध मैं हराया और कैद कर लिया फिर सलीम जहांगीर नाम से बादशाह बना.
इन्हे काव्य कविता मैं रूचि थी. साहित्यकार थे. इन्हे युद्ध कला का अच्छा ज्ञान था. ये राना प्रताप कि उच्च आदर्शों के समर्थक थे तथा चाहते थे कि मृगल और राना प्रताप आपस मैं समझौता कर ले.