मालचा महल में खुद को दस साल के लिए क्वारंटाइन करने वाली रानी कौन थी? जानिए

नौ साल तक अपने लाव-लश्कर के साथ दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर रहने वाली और ताउम्र अपने आप को मालचा महल में क्वारंटीन करने वाली रानी के बारे में चलिए विस्तार से जानते हैं!

1975 में आपातकाल के समय सभी राज रियासतों को मिलने वाली सरकारी पेंशन बंद कर दी गईI जिससे कई राज घरानों के सामने रोजीरोटी का संकट पैदा हो गयाI इनमें से एक थी- बेगम विलायतI

बेगम विलायत के अनुसार वो अवध के नवाब वाजिद अली शाह के खानदान की राजकुमारी थी, वह अपने हक़ के लिए 9 साल तक दिल्ली रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में रहीI 1985 को प्रधानमंत्री राजीव गाँधी द्वारा उन्हें मालचा महल रहने के लिए दे दिया गयाI

{मालचा महल, जिसे दिल्ली की सबसे भुतिया जगह भी कहा जाता है, चाणक्यपुरी के घने जंगलों में हैI इस महल को फ़िरोज़ शाह तुगलक ने अपनी शिकारगाह के तौर पर बनवाया थाI इसका रास्ता सरदार पटेल मार्ग की तरफ से है और अब इसे विलायत महल भी कहा जाता है}

तो इस महल में जहाँ न बिजली है और न पानी, उस महल में बेगम विलायत अपने दो बच्चों लड़की सकीना और बेटे अली रजा, कुछ नौकरों और 12 डॉबरमेन कुत्तों के साथ रहने के लिए आ गईI

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