माचिस की तीली में मसाले कैसे बनाते हैं कि वो जलने लगती है?
माचिस की तीली के सिरे पर जो मसाला लगाया जाता है उसमे कुल जमा तीन रसायन व दो अन्य पदार्थ होते है।
1 – फॉस्फोरस सल्फाइड
2 – पोटैशियम क्लोरेट
3 – सल्फर (गंधक)
4 – कांच का पाउडर
5 – सिंथेटिक गोंद
इन सभी को निश्चित मात्रा मे मिलाकर बना पेस्ट लकडी की तीली के सिरे पर लगाया जाता है। जब मसाला सूख जाता है, तीली का मसाले वाला हिस्सा पिघले मोम मे डुबा कर निकालते हैं, ताकि मसाला जल्दी नमी न पकडे।
माचिस की साईड की, तीली रगडने वाली सतह पर कांच का पाउडर व फॉस्फोरस सल्फाइड गोंद मे मिलाकर पर्त लगाई गई होती है।
जब हम तीली को माचिस की साईड या किसी कडी दानेदार सतह पर झटके से रगडते हैं तो घर्षण से उत्पन्न गर्मी से तीली का फॉस्फोरस जल उठता है।
उस कारण पोटेशियम क्लोरेट गर्म होने पर ऑक्सीजन छोडता है जिससे सल्फर तेजी से जल उठता है व साथ ही लकडी की तीली भी जलने लगती है।