माइक्रो प्रोसेसर कौन सी पीढ़ी का कंप्यूटर है? जानिए इसके बारे में

कंप्यूटर के विकास का इतिहास अक्सर अलग पीढ़ी दर पीढ़ी कंप्यूटिंग उपकरणों के संदर्भ में है। यह यात्रा वैक्यूम ट्यूबों के साथ 1940 में शुरू हुई और तब से चली आ रही है। वर्तमान में यह कृत्रिम बुद्धि का प्रयोग कर तरक्की कर रही है। कंप्यूटर की पाँच पीढ़ियाँ में प्रत्येक पीढ़ि की यह विशेषता है कि उनमें हुए प्रमुख तकनीकी विकास द्वारा उन्होंने कंप्यूटर के काम करने का तरीका बदल दिया। ज्यादातर विकास के परिणामस्वरूप तेजी से छोटे, सस्ता और अधिक शक्तिशाली और कुशल कंप्यूटिंग उपकरणों का आविष्कार हो पाया है।

कंप्यूटर की विभिन्न पीढ़ियां

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (1940 – 1956)
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1956 – 1963)
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1964 – 1971)
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर (1971 – 1980)
पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर (वर्तमान और भविष्य)
आपके सवाल अनुसार माइक्रोप्रोसेसर से युक्त कंप्यूटर चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में आता है।

फोर्थ जनरेशन ऑफ कंप्यूटर (1971 – 1980)

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में, माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया था। ये कंप्यूटर वर्तमान में उपयोग होते हैं और आगे विकसित किए जा रहे हैं। इस जनरेशन में माइक्रोप्रोसेसर चिप्स विकसित किए गए थे।

अंकगणित संचालन के लिए 0 और 1 को कोडित किया गया था। ये बाइनरी संख्या के रूप में जाना जाता है इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर बहुत छोटे हैं वे हाथ की हथेली में फिट हो सकते हैं इन कंप्यूटरों को तेज छोटे से छोटा, गति तेज और सस्ते बनाया गया और व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है इस चरण के दौरान माउस और अन्य पेरिफेरल डिवाइस, जैसे जॉयस्टिक इत्यादि को विकसित किया गया था। एक दूसरे के साथ जानकारी साझा करने के लिए एक नेटवर्क में कंप्यूटरों को एक साथ जोड़ा जा सकता है इसने इंटरनेट के विकास के लिए भी नेतृत्व किया है।

माइक्रोप्रोसेसर की यह तकनीक जिसे Large Scale Integrated Circuit के नाम दिया गया एक छोटी सी चिप में लाखो ट्रांजिस्टरों से समा गये निर्मित इस चिप को ही माइक्रोप्रोसेसर नाम दिया गया। पहला माइक्रो कम्प्यूटर MITS नाम की प्रसिद्ध कंपनी ने बनाया था।आज दुनिया में दो बड़ी माइक्रोप्रोसेसर बनाने वाली कंपनिया Intel और AMD है।

उच्च गति वाले नेटवर्क का विकास हुआ जिन्हें आप लैन (local area network) और वैन (wide area network) के नाम से जानते हैं।

ऑपरेटिंग सिस्टम MS DOS का पहली बार इस्तेमाल इसी पीढ़ी में हुआ इश्के साथ ही कुछ समय बाद माइक्रोसॉफ्ट विंडोज भी कंप्यूटरों में आने लगी। जिसकी वजह से मल्टीमीडिया का प्रचलन प्रारम्भ हुआ। इसी समय C भाषा का विकास हुआ, जिससे प्रोग्रामिंग करना सरल हुआ। कंप्यूटर के क्षेत्र में सबसे बड़ी क्रांति इस पीढ़ी को माना जाता है। कंप्यूटर का उपयोग अब हम सभी पर्सनल कंप्यूटर के रूप में भी करने लगे है। फोर्थ जनरेशन ऑफ कंप्यूटर (Fourth Generation of Computer in Hindi) की समय अवधि 1971-1980 थी, जो “VLSI माइक्रोप्रोसेसर” (VLSI Microprocessor) टेक्नोलॉजी पर आधारित थी।

फिफ्थ जनरेशन ऑफ कंप्यूटर (1980 और भविष्य)

कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी जिसपर अभी काम चल रहा है यह अभी तक यह स्पष्ट नहीं है की पाचवी पीढ़ी किस दिशा में जाएगी। पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर ULSI (Ultra Large Scale Integration) तकनीक पर आधारित है। इस जनरेशन के कम्प्यूटर्स में कृत्रिम बुद्धि (Artificial Intelligence ) क्षमता विकसित की जा रही है ये उसी के अनुसार कार्य करेंगे।

इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में स्वयं सोचने की क्षमता पैदा की जा रही है. कम्प्यूटर को हर क्षेत्र में कार्य करने योग्य बनाया जा रहा है और कुछ हद तक सफलता भी मिल चुकी है उदाहरण के लिये विंडोज कोर्टाना (Windows Cortana), गूगल असिस्टेंट (Google Assistant), एप्पल सीरी (Apple Siri) इत्यादि को आप देख ही रहे हैं।

इसमें हाई लेविल प्रोग्रामिंग भाषा का प्रयोग किया जा रहा है। GUI (Graphical User Interface) की सहायता से इसे अधिक सरल बनाया जा रहा है। ये कंप्यूटर किसी समस्या के हल करने के लिए इन्टरनेट का इस्तेमाल करते है क्योंकि ये नेटवर्को के माध्यम से जुड़े होते है। कुछ कंप्यूटर्स को तो मनुष्य की तरह व्यव्हार तथा सभी काम खुद से करने के लिए डिजाईन किया जा रहे है जिन्हें रोबोट कहाँ जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *