महाराजा रणजीत सिंह को कोड़े मारने की सजा किसने दी थी और क्यों?

महाराजा रणजीत सिंह को ५० वर्ष की आयु में १८ वर्ष की गुल बहार नामक अमृतसर की एक मुस्लिम वेश्या से प्रेम हो गया था, उससे विवाह करना चाहते थे। महिला नें शर्त रखी कि महाराजा लाहौर से अमृतसर पैदल चलकर उसके पिता से उसका हाथ मॉंगें।

महाराजा के ऐसा करने से अकाल तख़्त बहुत नाराज़ हुआ, महाराजा को अकालतख्त में हाज़िरी लगाने का हुक्म हुआ । महाराजा को हाज़िरी लगानी पड़ी । अकाल तख़्त नें सज़ा सुनाते हुए महाराजा को कोड़े मारने के साथ अकाल तख़्त को अपने हाथों से धोने का फ़रमान सुनाया ।

महाराजा इसके लिए तैयार हो गये। अब महाराजा को कोड़े कौन लगाए? तब बीच का का निकाला गया। एक सिल्क का कोड़ा बनाया गया, जिससे मार कर सजा पूरी की गई। महाराजा में अपने हाथ से अकाल तख़्त धोया। बाद में गुल बहार से विवाह किया ।

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