महाभारत के पात्र ‘दुर्योधन’ पूर्व जन्म में कौन थे? जानिए

दुर्योधन: – दुर्योधन का असली नाम सुयोधन था …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्रों में सबसे बड़े पुत्र दुर्योधन का वास्तविक नाम सुयोधन था, लेकिन अपने कथान की वजह से उन्हें दुर्योधन नाम से पहचान बनाई। माना जाता है कि दुर्योधन और उसका भाई पुलस्त्य वंश के बच्चों के अंश थे।

महाभारत में दिखाया गया है कि जितने भी पात्र हैं, वे अपने पिछले जन्मों के कर्मों के कारण इन रूपों में आए हैं और किस तरह वे अपने वजूद को बदलने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। केवल दुर्योधन ही ऐसा पात्र है जिसके पिछले जन्मों के कर्मों का लेखा-जोखा नहीं दिया गया क्योंकि वे उसके व्यवहार, भाव तथा उसके जीवन के लिए कोई माफ़ी की वजह नहीं देना चाहते।

दुर्योधन को क्षमा नहीं मिल सकती

व्यास ये कहना चाहते हैं कि दुर्योधन जो भी था, उसके लिए वो खुद सौ प्रतिशत जिम्मेदार था। बाकी सब लोगों के पास एक बीता हुआ कल है जिससे उनके चरित्र का अच्छा-बुरा, सुंदर व बदसूरत रूप सामने आता है पर दुर्योधन के पास ऐसा कोई बहाना नहीं है। संदेश यही है कि मूर्खता, गुस्से और असंवेदनशीलता से भरे पलों, अंधे भावों, चिंतन और कर्म के लिए तो उपाय है परंतु दुर्योधन जिस तरह सदा दूसरों के लिए रोष या बुरी भावना का लगातार प्रदर्शन करता था, उसके लिए कोई क्षमा नहीं मिल सकती।

हालांकि कई ऐसे पल भी आते हैं जिनमें वह हमें एक महान और उदार मित्र के तौर पर दिखता है। इसके बावजूद उस पर वही नियम लागू होता है। उसने सदा मित्र बनाने की कोशिश की और अपने मित्रों और अपने प्रति वफादार लोगों का ध्यान रखा – पांडवों से भी कहीं ज्यादा। जो लोग संसार में नेता हैं, जो लोग सभी की भलाई चाहते हैं, अक्सर उनके कोई मित्र नहीं होते। महान कलाकार, जीनियस और वैज्ञानिकों के कोई मित्र नहीं होते परंतु बुरे से बुरे अपराधियों के पास अक्सर परम मित्र होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *