मधुमेह में खाली पेट शर्करा का स्तर कितना होना चाहिए, उसे कैसे नियंत्रित करें?
जब कोई इंसान मधुमेह का मरीज नहीं होता है, तो उसके शरीर के लिए शुगर का स्तर क्या होना चाहिए; यह तो सामान्य तौर पर सबको पता ही है।
बिना डायबिटीज व शुगर वाले लोगों के शरीर में शुगर का स्तर (मिलीग्राम प्रतिडेसीलीटर: mg/dl) यह होना चाहिए :-
खाली पेट (सुबह के समय) – 70 से 100 के बीच।
खाने से पहले (दिन या रात में) – 70 से 110 के बीच।
खाने के दो घंटे बाद – 140 या इससे कम।
खाली पेट में शुगर का पैमाना आमतौर पर यह माना जाता है:-
70 से 100 = नार्मल शुगर स्तर
70 से 126= प्रीडायबेटिक
126 से ज्यादा शुगर स्तर आने पर डायबेटिक माना जाता है।
अगर शुगर का स्तर खाली पेट या खाने के बाद थोड़ा ज्यादा आ रहा है, तो हम कुछ हद तक अपने खान-पान से इसे नियंत्रित कर सकते हैं।
लेकिन समस्या वहाँ होती है जो मधुमेह के मरीज होते हैं।
डायबिटीज व शुगर की समस्या वाले लोगों के शरीर में शुगर का स्तर (मिलीग्राम प्रतिडेसीलीटर: mg/dl) इस तरह होना चाहिए:-
खाली पेट में 70 से 110 के बीच
70 से 130 खाने से पहले (दिन या रात में )
खाने के दो घंटे बाद अधिक से अधिक 180 तक।
200 के ऊपर लेवल आता है तो यह चेतावनी का संकेत है।
मधुमेह के मरीज, जो दवाई खा रहे हैं; खाने के बाद भी अगर शुगर का स्तर 200 से ज्यादा आता है तो खान – पान में सुधार की जरुरत है।
जैसे :-
रात में चावल खाने से बचा जाए।
जिन चीजों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा है, उन चीजों को अपने आहार में कम शामिल किया जाए।
फाइबर वाले खाने वाली चीजों को अपने आहार में शामिल करें।
रात के भोजन के बाद कुछ देर टहलना शुगर स्तर को बढ़ने से रोकता है। कई बार हम घर से बाहर नहीं जा पाते हैं तो दस मिनट घर में टहलना भी शुगर स्तर को नियंत्रित रखता है।
इन सबके बावजूद भी अगर शरीर में शुगर का स्तर 200 से ज्यादा है और दवाई खाने के बाद भी नियंत्रित नहीं हो रहा है तो निश्चित रूप से डॉक्टर के पास जाना चाहिए ताकि वे आपकी दवाई की डोज को सही तरीके से नियोजित कर सकें।
मैं यहाँ खुद का अनुभव साझा करना चाह रही हूँ।
मेरा खुद का शुगर स्तर खाली पेट में बार्डर लाइन तक है। क्या मुझे दवाई लेनी चाहिए या नहीं? यह जानने के लिए मुझे Diabetologist से consult करना सही लगा।
हमारे घर के पास ही Hiranandani Hospital है। परन्तु वहाँ कोविड मरीज बहुत आ रहे हैं, इसलिए वहाँ न जाकर, मैंने गूगल पर ही हमारे घर के निकट पवई और घाटकोपर एरिया में सर्च किया। सर्च करने पर सबसे पहले ‘डॉक्टर निखिल प्रभु’ का नाम सबसे ऊपर दिखाई दिया।
सर्च करने पर यह भी पता चला कि वो कोरा पर भी सक्रिय हैं, यह जानकर मुझे खुशी हुई।
मैंने उनका नम्बर लेकर उनसे मधुमेह से जुड़ी बहुत सारी बातें की, और सारी बातें बताने के बाद यह भी बताया कि मैं भी कोरा पर बहुत दिनों से सक्रिय हूँ।
उन्होंने बताया कि आजकल अधिकांश डॉक्टर ऑनलाइन सेवा दे रहे हैं। उन्होंने मेरी सारी बातें सुनी और मुझे बहुत अच्छे से मधुमेह से जुड़ी बहुत सारी बातें बताई, जिसे फॉलो करके मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है।
उनकी बातों ने मुझे बहुत प्रभावित किया। आगे भी जरुरत पड़ी तो मैं मधुमेह के लिए उनसे ही राय लेना बेहतर समझूँगी।
मेरे लिखी गई उपर्युक्त सारी बातों का स्त्रोत डॉक्टर निखिल प्रभु से हुई बातचीत है। उन्होंने अपनी बातों को नीचे दिए गए लिंक में बहुत अच्छी तरह समझाया है।