मंगलवार को नाखून काटना वर्जित है, क्या ये केवल अंधविश्वास है? जानिए
हमारे शरीर के किसी अंग को ये नहीं पता चलता है कि कौन सा वार है । हम मंगलवार को अंडा खा रहे हैं , नाखून काट रहे हैं, बाल कटवा रहे हैं, हमारा शरीर इससे अनभिज्ञ है।
न ही भगवान के पास इतना वक़्त है कि वो 30 करोड़ लोगों के वारों का लेखा जोखा रखें। हम चाहते हैं भगवान हमारे दुःख भी दूर करें और ये भी देखें कि किसने मंगलवार को, नवरात्रों में सावन में मांसाहार किया, किसने वीरवार को दाढ़ी बनाई, किसने शनिवार को बाल धोए। भगवान को इतना परेशान करना तो हमारा स्वार्थ हुआ ना?
किसी भी ग़लत काम को किसी एक ख़ास वार के दिन करने से वो सही नहीं हो जाता और न ही कोई सही काम, ग़लत हो जाता।भगवान की नज़र में जैसे सब इंसान एक जैसे हैं ऐसे ही सब वार एक जैसे हैं।
अंधविश्वास न फैलाएं, न फैलने दें। जो काम करना है उसे करने से पहले ये देखें कि वो हमारे अपने व्यक्तित्व, परिवार, समाज के लिए सही है या नहीं। सही काम किसी भी वार को किया जाए वो शुभ ही होगा।