भारत में सबसे अच्छा और महंगा आम कौन सा है? जानिए

भारत का सबसे महंगा आम है महाराष्ट्र के कोकण मे “रत्नागिरी” जिले का “हापुस” आम, जो किलो नही, नग के हिसाब से बिकता है।

इसे पुर्तगाली आक्रांताओं (शासकों) ने “अलफांसो” नाम दिया।

आम तौर पर इसका न्यूनतम मूल्य भारत मे 150 से 250 रुपये प्रति 1नग (फल) होता है।

बाजार में आया हापुस आम, कीमत 2000 रुपये प्रति दर्जन

Edited By Shivam Bhatt | नवभारत टाइम्स | Updated: 01 Feb 2020, 12:49:00 PM

वाशी ए.पी.एम.सी. की थोक फल मंडी में कोंकण के विश्व प्रसिद्ध हापुस आम की आवक शुरू हो गई है। इस साल थोक नीलामी में कोंकण हापुस आम को 2000 रुपये प्रति दर्जन का भाव मिला है।

नवी मुंबई
वाशी एपीएमसी की थोक फल मंडी में कोंकण के विश्व प्रसिद्ध हापुस आम की आवक शुरू हो गई है। मंडी में मुहूर्त बिक्री के लिए आमों के राजा हापुस की प्रतीकात्मक नीलामी रखी गई थी, जिसमें हापुस आम की 5 दर्जन की एक पेटी 10 हजार रुपये में नीलाम हुई।

इस साल नीलामी में कोंकण हापुस आम को 2000 रुपये प्रति दर्जन का भाव मिला है। एक आम की कीमत करीब 170 रुपये है। थोक व्यापारी विजय पाटिल के अनुसार हापुस के दाम मार्च के दूसरे-तीसरे सप्ताह में नीचे आएंगे। अप्रैल और मई महीने में ही कोंकण हापुस आमों के दाम आम जनता के बजट की पहुंच में आते हैं।

3 महीने देरी से आया

इस साल कोंकण हापुस आमों की आवक करीब 3 महीने देरी से हुई है। पिछले साल आवक 5 नवंबर 2018 को हो गई थी। बता दें कि पिछले साल हापुस की 4 दर्जन की पेटी 11,000 रुपये में यानी 2750 रुपये प्रति दर्जन और 230 रुपये प्रति आम में बिकी थी। गत वर्ष की तुलना में इस साल की मुहूर्त बिक्री अपेक्षाकृत सस्ती रही है। इस साल करीब एक से डेढ़ महीने देरी से विदा हुए मानसून और कोंकण क्षेत्र में हापुस आमों के लिए बने प्रतिकूल मौसम के कारण हापुस आमों की आवक में देरी हुई।

घटेगी उत्पादकता

सिंधुदुर्ग के हापुस उत्पादक किसान अभय परब ने बताया कि विपरीत मौसम से इस साल हापुस आमों का उत्पादन करीब 25 फीसदी तक कम हो सकता है। कोंकण के तीन प्रमुख जिलों में करीब ढाई लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हापुस आमों का उत्पादन होता है। किसानों को जनवरी महीने में मौसम के हापुस आमों के अनुकूल रहने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके चलते इस साल अप्रैल-मई महीने तक कोंकण हापुस आमों के कुल उत्पादन में 25 फीसदी तक की कमी आने की आशंका है।

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