भारत में इंसुलिन पंप इतने महंगे क्यों हैं? जानिए वजह

आप डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित हैं और आपको अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन पर निर्भर होना पड़ता है तो, इस स्थिति में इंसुलिन लेने के लिए आप रोजाना कई इंजेक्शन लेते होंगे। इंसुलिन पंप इसी का वैकल्पिक तरीका है। इसके तहत इंजेक्शन के बजाय इंसुलिन पंप के जरिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन के साथ जरूरत पड़ने पर बोलुस (bolus ) मिलता है। इस प्रकिया में जरूरी है कि आप नियमित तौर पर अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करते रहें, ऐसे में आप इंसुलिन लेने के लिए इंजेक्शन के बजाय इंसुलिन पंप का सहारा लेकर ब्लड ग्लूकोज लेवल को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं।

इंसुलिन पंप की भारत में कीमत?

भारत में इंसुलिन पंप की लागत लगभग 1 से 4 लाख है ।

इंसुलिन पंप करता क्या है?

इंसुलिन पंप एक छोटा यंत्र है, जिसमें एक बीपर होने के साथ यह छोटे कंप्यूटर के समान दिखता है। यह ताश के पत्तों के डेक से थोड़ा छोटा होता है। इंसुलिन पंप के उपकरणों व किसकी क्या है विशेषता उसको जानें,

रेज़र्व्वार (Reservoir) : रेज़र्व्वार उस जगह को कहते हैं, जहां इंसुलिन स्टोर किया जाता है। समय-समय पर इंसुलिन के खत्म होने पर इसे भरना जरूरी होता है, ताकि इसका फायदा उठाया जा सके।
कैनुला (Cannula) : यह एक प्रकार का छोटा निडल वाला व स्ट्रॉ के आकार का ट्यूब होता है, जो फैटी टिशू के अंदर डाला जाता है, ताकि इंसुलिन को शरीर में डाला जा सके। इंसुलिन की खुराक देने के बाद निडल को निकाल दिया जाता है जबकि ट्यूब इसी जगह पर रहती है। संक्रमण को रोकने के लिए समय-समय पर आपको कैनुला व इसके उपकरण जैसे पाइप आदि को बंद करना पड़ेगा, ताकि इंफेक्शन न हो। ऐसा इसलिए किया जाता है।
ऑपरेटिंग बटन : ऑपरेटिंग बटन की मदद से उपकरण को इस हिसाब से सेट कर दिया जाता है कि मरीज को दिन भर में समय समय पर इंसुलिन की खुराक मिलती रहे, खाने का समय होने पर उसे बोलस डोज मिलता रहता है।
ट्यूबिंग : यह एक पतली, फ्लेक्सिबल पाइप होती है, जो इंसुलिन को पंप से कैनुला तक ले जाने में मदद करती है।

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