भारत की ओर तेजी से बढ रही एक ओर बडी मुसीबत, लोहे की जंजीरों से बांधी गई ट्रेनें वजह जानकर चौक जाएंगे आप
देश में कोरोना के कहर के बीच भारत की ओर एक ओर मुसीबत तेजी से बढ रही है। चक्रवाती तूफान अम्फान आज भारत के कईं तटीय राज्यों में तबाही मचा सकता है। यह इस सदी का सबसे बडा तूफान बताया जा रहा है, जिसके कारण इसके रास्ते में आने वाले सभी राज्यों को अलर्ट कर दिया गया है।
चक्रवाती तूफान अम्फान आज यानी 20 मई 2020 की दोपहर भारत के कई तटीय राज्यों से टकरा सकता है. माना जा रहा है कि ओडिशा और बंगाल के इलाकों तक यह दोपहर 2 बजे के आसपास पहुचेंगा. साइक्लोन अम्फान इस सदी का सबसे बड़ा तूफान है. इसी वजह से इसके रास्ते में आने वाले सभी राज्य अलर्ट पर हैं. बंगाल और ओडिशा में तेज हवाएं और बारिश शुरू हो गई है. 15 मई को विशाखापट्टनम से 900 किलोमीटर दूर दक्षिणी बंगाल की खाड़ी की कम दबाव और गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बननाा शुरू हुआ. 17 मई को जब अम्फान दीघा से 1200 किलोमीटर दूर था, तब यह साइक्लोन में बदल गया.
पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान अम्फान का खतरा मंडरा रहा है. हावड़ा में तूफान के खतरे के मद्देनजर रेल कोचों को मजबूत लोहे की जंजीरों से बांध दिया गया है कि ट्रेनें तूफान की चपेट में न आएं. जानकारों का कहना है कि अगर खाली ट्रेनें ट्रैक पर दौड़ गईं तो बड़ी दुर्घटना घट सकती है और ट्रेनों को भी नुकसान हो सकता है.
सुपर साइक्लोन ‘अम्फान’ के आज पश्चिम बंगाल के तट पर टकराने की आशंका जताई जा रही है. 185 से 155 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले तूफान से सबसे बड़ा खतरा रेल सेवाओं को है. हावड़ा में रेल कोचों को चेन से बांधा गया है.
जिससे तूफानी हवाओं से रेल कोचों को नुकसान पहुंचाने से रोका जा सके. रेलवे की ओर से हावड़ा के शालीमार साइडिंग में खड़ी रेल के कोच को चेन और ताले से बांधने का इंतजाम किया गया है. पूरे देश में कोरोना संकट के चलते भले ही रेल सेवाएं ठप पड़ी हों, लेकिन जो भी इस दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, उन्हें भी सुरक्षा के मद्देनजर बंद करने की जानकारी दक्षिण पूर्व रेलवे की ओर से दी गई है. जो ट्रेनें रेलवे ट्रैक पर खाली खड़ी हैं, उन्हें लोहे की मोटी-मोटी चेन स्किट से बांधा गया है और ताला लगाया गया है.
ऐसा इसलिए किया गया है कि चक्रवाती तूफान में तेज हवा की वजह से ट्रेनें कहीं पटरी पर बिना इंजन के सरपट न दौड़ जाएं. अगर इंजन के बगैर एक बार दौड़ गई तो दुर्घटना घट सकती है फिर इसे काबू में करना बेहद मुश्किल साबित हो सकता है. यही कारण है कि ट्रेन को लोहे की चेन और ताले से बांध कर रखा जाता है.
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