भारत और पाकिस्तान के बंटवारे में लाहौर और कराची को भारत में शामिल क्यों नहीं किया गया?

लाहौर और कराची आजादी से पहले भारत के दो सबसे महत्वपूर्ण शहर थे इनका उस दौर में चले जाने की कीमत आम भारतीयों को लम्बे समय तक चुकानी पड़ी लेकिन उसको पता भी नही की ये शहर उसके लिए कितने जरूरी थे , लाहौर उस दौर में एक विकसित शहर था तो दूसरी तरफ कराची उस दौर का मुम्बई था

क्या आप को पता है ?

● 15 अगस्त 1947 को दो देश बन चुके थे लेकिन कौन सा शहर किस देश का हिस्सा बनेगा किसी को नही पता था ।

कारण क्या था ?

मैप बनाने का काम रेडक्लिफ़ को दिया गया था उसको 40 दिन का समय और 40 हजार रुपये वेतन बोला गया था ।

ये इंसान ना तो भारत को जनता था ना ही भूगोल समझता था ना भारतीय संस्कृति

क्या किया इसने

उसने मैप बनाया और उसको छिपा कर रखा 17 अगस्त 1947 को पब्लिक किया गया और बिना अपना 40 हजार वेतन लिए भारत से भाग गया ।

यही सबसे बड़ा कारण था लाखों के कत्लेआम होने का

क्योंकि जब अचानक से मैप सार्वजनिक किया गया तब तक दो देश बन गए थे और अपराधियों को खुला मौका मिल गया अपराध करने का क्योंकि पुलिस और कानून का राज अचानक से खत्म हो गया।

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