भारतीय रेल के बारे में ऐसी कौन सी जानकारियां हैं जो ज्यादातर लोगों को मालूम नहीं लेकिन मालूम होनी चाहिए?

आप कितनी बार अपनी कार गेराज में मैकेनिक के पास ले जाते हैं ? यदि ठीक-ठाक चल रही हो तो केवल सर्विसिंग के लिए शायद 4 महीने में एक बार या फिर कोई समस्या नहीं दे रही हो तो शायद साल में एक बार । लेकिन आप जिस ट्रेन में चढ़ते हैं उस ट्रेन को हर ट्रिप के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाता है । यह फिटनेस जो इंजीनियर देता है उसे ट्रेन एग्जामिनर कहा जाता था – संक्षेप में TXR Train eXamineR )

बिना इस फिटनेस सर्टिफिकेट के कोई भी ट्रेन नहीं चल सकती है।
क्या आपने कामाख्या का नाम सुना है ? काफी लोगों ने सुना होगा यह असम की राजधानी गुवाहाटी के पास है। अच्छा कितने लोग वहां गए हैं ? मेरी समझ से काफी कम लोग गए हैं लेकिन यदि आपको अचानक वहाँ कार द्वारा जाना पड़े तो क्या करेंगे ? कार ठीक ठाक होगी तो सीधे निकल पड़ेंगे ।

सोचना क्या ,?? लेकिन ट्रेन ड्राइवर को सोचना पड़ता है । कोई भी ट्रेन ड्राइवर ऐसे किसी भी रेलखंड में नहीं जा सकता है जहां वह पिछले 3 महीने में नहीं गया हो । इसे रोड लर्निंग कहते हैं। किसी भी रेलखंड में जहां वह पिछले 3 महीने में नहीं गया हो उसमें उसकी रोड लर्निंग समाप्त मानी जाती है। बहुत बार छुट्टी या ट्रेनिंग के कारण ऐसी स्थिति हो जाती है । तब ड्राइवर किसी भी ट्रेन को चला नहीं सकता और उसे ट्रेन चलाने के पहले दोबारा रोड लर्निंग लेनी पड़ती है ।जिसके लिए उसे किसी ट्रेन में किसी अन्य ड्राइवर के साथ इंजन में यात्रा करनी पड़ती है कम से कम 4 दिन में और दो ट्रिप रात में।

तो ड्राइवर ट्रेन को बिना रोड लर्निंग के नहीं चला सकता है।
ड्राइविंग लाइसेंस जैसा ड्राइवर को भी competecy सर्टिफिकेट लेना पड़ता है जिसके बिना वह् ट्रेन नहीं चला सकता है।

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