भगवान के आगे प्रार्थना करते समय कौन-से नियमों का पालन करना चाहिए?

असल में भगवान के सामने प्रार्थना करने के भी कुछ नियम हैं, जिन्हे अगर आप ध्यान में रखेंगे तो आपकी हर प्रार्थना सुनी जाएगी। आओ जानते हैं कि भगवान के आगे प्राथना करते समय कौन-से नियमों का पालन करना चाहिए:—

शांत वातावरण में प्रार्थना करना सबसे बढ़िया होता है, खासतौर पर मध्य रात्रि में प्रार्थना जल्दी स्वीकार हो जाती है।

सबसे पहले एक एकांत स्थान में बैठें। उसके बाद अपनी रीढ़ की हड्डी को बिलकुल सीधा रखें। फिर सबसे पहले अपने ईष्ट, गुरु या भगवान का ध्यान करें। उसके बाद ही प्रार्थना करनी चाहिए।

प्रार्थना करते वक्त किसी भी प्रकार की वासना से दूर रहे, वासनायुक्त भावनाओं को मन में ना आने दें। जब मनुष्य वासना से ऊपर उठकर भगवान से प्रार्थना करता है, तो वो प्रार्थना अवश्य स्वीकार होती है।

अगर आपका मन पूरी तरह से भगवान से जुड़ा हुआ है तो तभी भगवान के आगे प्राथना करनी चाहिए।

अगर आप भगवान से सुख-समृद्धि मांगते हैं तो आपको सिर्फ वह ही प्राप्त होगी लेकिन अगर आप भगवान से उनका साथ, उनका सानिध्य मांगते हैं तो आपका जीवन खुद ही सुख और सौभाग्य से परिपूर्ण हो जाएगा।

परमात्मा से कुछ मांगने के लिए ज़रूरी है कि आप अपनी अंतर्रात्मा के साथ समय बिताएं, अपने मन की आवाज़ सुनें और आपने क्या चूक की है, कहां आप ग़लत हैं, इन पहलुओं पर विचार करें। याद रखें, खुद के साथ वक्त बिताना भी बहुत ज़रूरी है।

अपनी प्रार्थना को गोपनीय ही रखें। जब भी मौका मिले, अपनी प्रार्थना दोहराते रहें अगर आपने इन तरीकों से सच्चे मन से प्राथना करेंगे तो जरूर स्वीकार की जाएगी।

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