ब्लैक के साथ अब सफेद फंगस का भी वार, 7 मरीज मिले

गाजियाबाद जिले में ब्लैक फंगस के बाद अब सफेद फंगस ने भी पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। पिछले कुछ दिनों में सफेद फंगस के 7 मामले सामने आए हैं। इनमें से 3 मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी। जबकि 4 मरीजों को अस्पताल में भर्ती करके उपचार किया जा रहा है। सफेद फंगस वाले मरीजों को ब्लैक फंगस की भी परेशानी थी।

हर्ष पॉली क्लीनिक के संचालक और सीनियर ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. बी.पी. त्यागी ने बताया कि उनके पास अब तक सफेद फंगस के 7 मरीज आ चुके हैं। इनमें से 3 मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी। चार मरीजों को भर्ती करके उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सफेद फंगस के मरीजों में 5 पुरुष और 2 महिलाएं हैं। सभी को ब्लैक फंगस की भी परेशानी थी।

डॉ. त्यागी ने बताया कि सफेद फंगस के लक्षण लगभग ब्लैक फंगस जैसे ही होते हैं, लेकिन यह नजर नहीं आता। इसलिए बिना पैथोलॉजी टेस्ट इसका पता नहीं चल पाता है। उन्होंने कहा कि सफेद फंगस सांस के साथ शरीर में फैलता है। ब्लैक फंगस साइनस से दिमाग की ओर बढ़ता है, जबकि सफेद फंगस साइनस से फेफड़ों की ओर बढ़ता है। फेफड़ों में पहुंचने पर सफेद फंगस जानलेवा हो सकता है।

ये हैं लक्षण
सफेद फंगस के लक्षणों में नाक में ब्लॉकेज महसूस होना, नाक से खून आना और कभी-कभी नाक से फंगस भी बाहर आती है। यह सफेद होता है, इसलिए जल्दी इसका पता नहीं चल पाता। इसकी पुष्टि टेस्ट के जरिए ही होती है। यह सांसों के साथ फेफड़ों की ओर बढ़ता है। सफेद फंगस भी शुगर अनियंत्रित होने के कारण होता है।

उपचार में है बदलाव
डॉ. त्यागी के अनुसार सफेद फंगस का उपचार ब्लैक फंगस के मुकाबले सस्ता है। इसमें महंगे इंजेक्शन देने की जरूरत नहीं होती है। सफेद फंगस का उपचार ओरल दवाओं से संभव है, इसलिए इसके उपचार में ज्यादा खर्च नहीं आता है। यदि सफेद फंगस फेफड़ों तक पहुंच जाए तो परेशानी बढ़ सकती है।

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