बांस एक रोजगार का साधन कैसे हैं ? आखिर कैसे बांस से बनती हैं बोतलें
त्रिपुरा में कई लोग बांसों से एक नए रोजगार की शुरुआत कर रहे हैं। कई लोग अपने घरों में बांस से बोतले बना रहे हैं। बोतले बनाने के लिए सर्वप्रथम बांसों को उबाला जाता है।
बांसों को गर्म पानी में डाल दिया जाता है साथ में उस गर्म पानी में कुछ औषधियां जैसे नीम आदि मिले होते हैं।इसके बाद बांस उबल जाते हैं उबले हुए बांसों को निकालकर उनके छोटे-छोटे टुकड़े किए जाते हैं।
टुकड़े करने के बाद बांसों को मशीनों के साथ घिसाई की जाती है और उन्हें एक बोतल जैसा आकार दिया जाता है। बोतल जैसा आकार देने के बाद उनको गोल बनाया जाता है उनके ऊपर ढक्कन लगाने की व्यवस्था की जाती है यह सारा काम मशीनों के साथ किया जाता है।
बांस की बोतलों की घिसाई और इसके साथ कई काम मशीनों के साथ किए जाते हैं।बांस की बोतलें किसानों के लिए एक रोजगार का साधन बन रही हैं। इसके साथ इनकी मांग भी बाजार में बढ़ती ही जा रही है। हम सभी को यह आशा है कि यह भविष्य में प्लास्टिक की बोतलों का की जगह ले लेंगी इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी और पर्यावरण की रक्षा भी की जा सकेगी।
इससे हमारे देश के लोगों को दो फायदे होने वाले हैं पहला तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और दूसरा हमारी प्लास्टिक पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी।अगर यह काम भविष्य में और आगे बढ़ता है तो हमारी देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी फायदेमंद होगा।