बसन्त पंचमी कब है? जानिए
शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी कहा जाता है, इस वर्ष बसंत पंचमी 16 फरवरी 2021 को मनाई जाएगी ।
1.बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा आराधना की जाती है, और पीले वस्त्र पहने जाते है, पीले ही चीजों का भगवान को भोग लगाया जाता है, मां सरस्वती को दाने, पीले चावल, केसर वाले चावल, नमकीन चावल का भोग लगाया जाता है, प्रसाद चढ़ाया जाता है।
2.यह त्यौहार बसंत के मौसम की शुरुआत का आगमन होता है, इस दिन भगवान ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती का धरती पर आह्वान किया था मां सरस्वती इसी दिन धरती पर प्रकट हुई थी इसीलिए युगो- युगो से इस दिन मां सरस्वती के जन्मदिन के अवसर पर बसंत पंचमी मनाई जाती है।
3.इस दिन स्कूलों में घरों में मां सरस्वती की पूजा की जाती है, और उनसे विद्या बुद्धि का आशीर्वाद लिया जाता है, उन्हें भोग चढ़ाया जाता है,फूल माला चढ़ाई जाती है, मां से आराधना की जातीहै ।
4.ज्ञान की वृद्धि बच्चों की शिक्षा के लिए यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, इस दिन नई कार्य शुरू किए जाते है, बच्चों को स्कूल पहली बार स्कूल इसी दिन भेजना बहुत शुभ माना जाता है, लोग अपने बच्चों को इस दिन पहली बार स्कूल भेजते है।
5.इस दिन को शास्त्रों में बहुत ही शुभ माना गया है, इस दिन सर्वसिद्धि योग होता है, इसलिए कोई भी पंचांग या बिना किसी पंडित से पूछे इस दिन आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते है।
6.शादी विवाह के लिए भी यह दिन बहुत शुभ होता है, किसी भी शुभ कार्य गृह प्रवेश, हवन पूजा पाठ, रोजगार धंधे के लिए नई शुरुआत इस दिन बहुत ही शुभ मानी जाती है।
7.हिंदू धर्म की परंपरा है कि जिस दिन सूर्य उदय तिथि मैं हूं उसी दिन पूरे दिन उसी तिथि को माना जाता है, पितरों की पूजा मध्यकाल में होती है, और देवी देवताओं की पूजा उदय काल में यानी प्रथम पहर में होती है, इसलिए जिस दिन प्रथम पहर में देवी-देवताओं का आरंभ हो उसी दिन उस तिथि में पूजा अर्चना करनी चाहिए।