बच्चों के लिए आने वाली है कोरोना वैक्सीन, जानिए इसके साइड इफेक्ट्स

अब तक बच्‍चों को कोरोना वायरस अपनी चपेट में कम ले रहा था लेकिन दूसरी लहर ने बच्‍चों को भी नहीं छोड़ा। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 97 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और इनमें से लगभग 12 पर्सेंट लोग 20 साल से कम उम्र के हैं। बाकी 88 पर्सेंट लोग 20 साल से अधिक उम्र के थे।

कुछ बच्‍चों को कोरोना से ठीक होने के बाद मल्‍टीसिस्‍टम सिंड्रोम हो गया है। वैक्‍सीन कोरोना से बच्‍चों को बचा सकती है इसलिए बच्‍चों के लिए वैक्‍सीन बहुत जरूरी है। वहीं विशेषज्ञों ने पहले ही बता दिया है कि कुछ महीने बाद कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी तो सबसे ज्‍यादा बच्‍चों को प्रभावित करेगी। इसलिए बच्‍चों के लिए कोरोना की वैक्‍सीन आना बहुत आवश्‍यक है।

वैक्‍सीन के साइड इफेक्‍ट
आमतौर पर वैक्‍सीन बच्‍चों के लिए सुरक्षित है। इसके कुछ आम साइड इफेक्‍ट्सहैं जैसे कि बुखार और इंजेक्‍शन वाली जगह पर दर्द और सूजन, सिरदर्द और बदन दर्द। जब बच्‍चों पर कोरोना वैक्‍सीन का ट्रायल पूरा हो जाएगा, तभी बच्‍चों पर इसके साइड इफेक्‍ट के बारे में ज्‍यादा जानकारी मिल पाएगी।

यदि बच्‍चे को कोई इंफेक्‍शन हो रहा है, तो उस समय उसे वैक्‍सीन न लगवाएं। अगर कोई शंका है तो पीडियाट्रिशियन से इस बारे में बात कर सकते हैं।

कैसे होगा वैक्‍सीन का ट्रायल
दो से 18 साल के बच्‍चों पर ड्रग्‍स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा कोवैक्‍सीन का ट्रायल करवाया जाएगा। इस ट्रायल में पहले और फिर 28वें दिन वैक्‍सीन की दो डोज लगाई जाएंगी। इस ट्रायल के परिणाम के आधार पर ही बच्‍चों के लिए कोरोना की वैक्‍सीन को मंजूरी मिलेगी।

फिलहाल तो ट्रायल ही चल रहा है इसलिए अभी बच्‍चे कोरोना से सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में आप अपने बच्‍चे को कोरोना से बचने के सभी नियमों का पालन करने के लिए कहें।

ज्‍यादा जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकलने दें और मास्‍क पहनने के लिए कहें। जब तक कोरोना खत्‍म नहीं हो जाता, तब तक बच्‍चे को अपने दोस्‍तों से भी मिलने न दें। ये सभी नियम बच्‍चे को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी हैं।

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