फ्लैटफुट वाले खिलाड़ियों को सेना में क्यों नहीं लिया जाता है? जानिए वजह

खैर, अब जानिये कि किसी भी देश की सेना के सैनिकों/अफसरों के लिए ज़रूरी है कि वे तेज़ गति से चल/दौड़ सकें ताकि लड़ाई के दौरान इस गति का प्रयोग वे अपनी कार्य-क्षमता को बढ़ाने के लिए कर सकें।

सपाट पैरों वाले लोगों के पैरों के निचले हिस्से में घुमाव नहीं होता। यही घुमाव एक स्प्रिंग की तरह कार्य करता है, जिसके होते आप तेज़ी से चल और भाग सकते हैं। सपाट पैरों वाले व्यक्ति ना तेज़ी से चल सकते हैं, ना ही भाग सकते हैं। साथ ही दौड़ने, कूदने जैसी गतिविधियों में समस्या आती है। इन गतिविधियों के करने से उनके पैर में दर्द भी होता है। बाद में यही दर्द, घुटनों, पीठ के निचले हिस्से और कूल्हे तक पहुंच जाता है। इस कारण शरीर के वजन का वितरण असमान हो जाता है, जो बड़ी समस्या का कारण बन सकता है।

पैरों में यह घुमाव ना होने को, हमारी सेनाओं द्वारा “शारीरिक अक्षमता” माना जाता है और यही कारण है, की भारतीय सेनाओं में सपाट पैरों वाले व्यक्तियों को भर्ती नहीं किया जाता।

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