फ्लैटफुट वाले खिलाड़ियों को सेना में क्यों नहीं लिया जाता है? जानिए

दुनिया में कोई भी सेना ऐसे किसी व्यक्ति को अपनी सेना में शामिल नहीं करती है जिसे सैन्य सेवा देते समय किसी शारिरिक या मानसिक परेशानी का सामना करना पड़े।

फ्लैटफुट से क्या समस्या है-

इसमे पैर के “आर्च” वाला हिस्सा जो पंजों वाले उठाव के नीचे कर्व लिए हुए होता है, यह पंजे और एड़ी के बीच मे होता है, यदि यह सपाट हो तो फ्लैट फुट माना जाता है।

यह स्थिति ज्यादातर बचपन से ही हो जाती है कुछ मामलों में चोट लगने से भी पैर फ्लैट फुट हो जाता है।

इसमें पैरों के आर्च सही से विकसित नहीं होते। ज्यादातर ऐसे मामलों में दर्द जैसी कोई शिकायत नहीं होती, जिससे लोग इसे अनदेखा कर देते हैं।

सेना में शारीरिक कार्य, चढ़ाई, दौड़ना आदि होते हैं, इसमें यदि फ्लैट फुट वाले व्यक्ति सामान्य से अधिक मेहनत करते हैं तो उन्हें टखनों, घुटनों की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

अधिक मेहनत से टखनों के अंदर सूजन आ सकती है व रूमेटाइड अर्थराइटिस होने की सम्भावना रहती है।

इन्ही सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फ्लैट फुट वाले व्यक्तियों को सेना में सेवा देने का अवसर नहीं दिया जाता, क्योंकि सेना नहीं चाहती कि, कोई भी सैनिक सैन्य सेवा देते समय किसी शारीरिक या मानसिक समस्या का सामना करे।

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