फूलो की घाटी कहाँ है और क्यों प्रसिद्ध है ? जानिए
उतराखंड मे फूलों की घाटी है यहाँ आपको बिभिन्न प्रकार के फूल ही फूल देखने को मिलेंगे
कहते है कि हुनमान जी संजीवनी बूटी की खोज में इसी घाटी में पधारे थे। इस घाटी का पता ब्रिटस पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ और उनके साथी आर एल होल्डसवर्थने लगाया था, जो संंयोग से 1931 में अपने कामेट पर्वत के अभियान से लौट रहे थे।
इसकीबसूरती से प्रभावित होकर स्मिथ 1937 में इस घाटी में वापस आये और, 1938 में “वैली ऑफ फ्लॉवर्स” नाम से एक किताब प्रकाशित करवायी।
हिमाच्छादित पर्वतों से घिरा हुआ और फूलों की 500 से अधिक प्रजातियों से सजा हुआ यह क्षेत्र बागवानी विशेषज्ञों या फूल प्रेमियों के लिए एक विश्व प्रसिद्ध स्थल बन गया।
इसे देख कर लगता है ये स्वयं देवताओं ने अपने विहार के लिए बनाया हो जेसे फूलों की वर्षा कर इनको उगाया हो.