प्राचीन शिव मंदिर, जहां जीवित लड़की बन गई मूर्ति, उसके बाद उसकी मूर्ति का जो हुआ …..

भगवान शिव के मंदिर भारत के इलावा और भी कई देशों मे स्थित हैं। । ऐसा ही एक प्राचीन मंदिर इंडोनेशिया में स्थित है| यह मंदिर प्रम्बानन मंदिर के नाम से प्रचलित है। इस मंदिर में भगवान शिव के साथ एक देवी की मूर्ति भी स्थापित है।

इस मंदिर की सुंदरता और कलाकारी देखने लायक है और इस मंदिर की दीवारों पर बने हुए चित्र रामायण महाकाव्य को दर्शाते हैं। यह मंदिर इंडोनेशिया के जावा में स्थित है। इस मंदिर में भगवान शिव के साथ भगवती दुर्गा के रूप में रोरो जोंग्गरंग नाम की देवी को पूजा जाता है।

इस देवी को पूजने का कारण एक प्राचीन कथा है जो की इस प्रकार है, किसी समय जावा में प्रबु बका नामक का राक्षस राज्य करता था। उसकी रोरो जोंग्गरंग नाम की खूबसूरत बेटी थी। बांडुंग बोन्दोवोसो नामक युवक ने रोरो जोंग्गरंग को विवाह का प्रस्ताव दिया था । रोरो जोंग्गरंग को दिल से यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं था। उसने सीधे तौर पर उस युवक को मना ना करते हुए उसके आगे एक शर्त रखी की उसे एक ही रात में एक हजार मूर्तियां बनानी होंगी।

शर्त के अनुसार बांडुंग बोन्दोवोसो ने 999 मूर्तियां बना दी और जैसे ही उसने आखिरी मूर्ति बनाना शुरू किया तब रोरो जोंग्गरंग ने पुरे शहर के चावल के खेतों में आग लगवा दी, जिससे बांडुंग बोन्दोवोसो को लगा की उजाला हो गया है, और उसने मूर्ति बनाना बंद कर दिया और वह शर्त हार गया |परन्तु, जब बांडुंग बोन्दोवोसो को इस बात का पता चला तो वह यह बर्दाश नहीं कर पाया और उसने गुस्से में रोरो जोंग्गरंग को आखिरी मूर्ति बन जाने का श्राप दे दिया | अब मंदिर में उसी मूर्ति को दुर्गा मान कर पूजा जाता है |

इंडोनेशिया के लोग इस कथा को रोरो जोंग्गरंग से संबंधित होने के कारण ही इस मंदिर को रोरो जोंग्गरंग मंदिर के नाम से पुकारते हैं| जब कि हिंदू लोगों के लिए प्रम्बानन मंदिर आस्था का केंद्रबन चूका है । प्रम्बानन मंदिर इतना सुंदर है,कि वहां की बनावट हर किसी को अपने मोह में बांध लेती है । मंदिर की दीवारों पर रामायण काल के चित्र भी अंकित किये गए हैं। ये चित्र रामायण की गाथा को भी बयान करते हैं।

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