प्रहलाद जानी नामक संन्यासी विज्ञान के लिए रहस्य क्यों है?
संत प्रहलाद जानी जिनकी मृत्यु हाल ही में 91 वर्ष की आयु में हुई है।
संत प्रहलाद जानी हमेशा से विज्ञान के लिए एक रहस्य बने रहे सबसे विचित्र बात यह थी कि उन्होंने लगभग 79 वर्षों से खाना पीना त्याग दिया था और अनुसार उन्हें ऊर्जा सिर्फ ध्यान करने से प्रकृति के द्वारा प्राप्त होती है
प्रहलाद जानी सच में मेडिकल के लिए एक रहस्य थे या सिर्फ उन्होंने इसका ढोंग रचा था
इस की जांच के लिए सन 2010 में इस विषय पर अहमदाबाद की डॉक्टर की टीम के द्वारा शोध भी किया गया था
शोध के परिणाम अत्यंत आश्चर्य चकित कर देने वाले थे
15 दिनों तक चले इस टेस्ट में प्रहलाद जानी को स्टर्लिंग अस्पताल में रखा गया था इस जांच के दौरान लगातार 24 घंटे उन पर सीसीटीवी के द्वारा नजर रखी जा रही थी उनका m.r.i. अल्ट्रासाउंड एक्स-रे किया गया था साथ ही उन पर क्लीनिकल और बायोकेमिकल परीक्षण भी किए गए थे
जांच के 15 दिनों में प्रहलाद जानी ने एक बार भी ना कुछ खाया ना ही कुछ पिया ना ही इस दौरान उन्होंने मल मूत्र का ही त्याग किया
डॉक्टर्स की टीम अंत तक स्कूल का कोई परिणाम ना निकाल सके और संत प्रहलाद जानी को विदेश ले जाने की मांग की गई पर उन्होंने मना कर दिया
प्रहलाद जानी अपनी आयु के आठवें दशक में भी नियमित योग और ध्यान करते थे योगियों में चमत्कारी गुणों की कहानियों पर भारत में लोगों को आश्चर्य तो नहीं होता पर विज्ञान कभी इन्हें स्वीकार ही नही।