पानी का घड़ा कुछ समय बाद ठंडा होना क्यों बंद हो जाता है, इसके पीछे क्या विज्ञान है? जानिए

मिट्टी के घडे में हज़ारों सुक्ष्म छिद्र होते है, जो पानी को बाहर की हवा के साथ संपर्क में लाते है. पानी जब हवा के संपर्क में आता है तो उसका वाष्पीकरण होता है, उसी तरह जैसे एक खुले प्लेट में रखा पाणी चाहे छांव में ही क्यों ना रखा हो उसका स्तर घटता है.

जब वाष्पीकरण होता है तो पानी को ऊर्जा चाहिए होती है ताकि वो पानी से वाष्प में तब्दील हो सके. यह ऊर्जा पानी से ली जाती है, जिससे पानी का तापमान घटता है.

पानी मे कई तरह के क्षार मौजूद होते है जो कि वाष्पीकरण कि प्रक्रिया के दौरान वाष्प के साथ नहीं जाते, उसी तरह जैसे आप किसी बर्तन मी बहुत पाणी उबालें तो नीचे नमक जैसा पदार्थ रह जाता है. यह क्षार उन सुक्ष्म छिद्रों को बंद कर देते है.

जिसकी वजह से वाष्पीकरण की प्रक्रिया नहीं हो पाती या कम हो पाती है. जिस विज्ञान की वजह से पानी ठंडा हो रहा था वही प्रक्रिया नहीं होने के कारण घडे की कार्यक्षमता कम हो जाती है.

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