पाकिस्तान ने कतर के शेखों को अपने देश में परिंदों के शिकार की इजाजत क्यों दी है?
हाउबारा बस्टर्ड (Hoboura bustard )एक विलुप्त होती प्रजाति का पक्षी है जो सेंट्रल एशिया के ठंडे क्षेत्रों में पाया जाता है । ज्यादा ठंड से बचने के किए ये बड़ी संख्या में नवंबर के महीने में पाकिस्तान के सिंध और बलोचिस्तान के आसपास के क्षेत्रों में माइग्रेट करने लगते हैं।
एक अनुमान के अनुसार 30000 से 40000 बस्टर्ड पाकिस्तान में हर साल तक़रीबन 6 महीने के लिए माइग्रेट करते हैं। [1] पाकिस्तान हर साल अरब के शाही परिवार के लोगों को इन पक्षियों का शिकार करने का परमिट देता है जिसमें 100 बस्टर्ड का शिकार करने की इजाज़त होती है। हालाँकि सिर्फ़ ये कहने के लिए है हक़ीक़त में वो इससे कहीं ज़्यादा संख्या में उनका शिकार करते हैं।ये शिकार बाज की सहायता से किया जाता है।Falconry खाड़ी देशों की संस्कृति का हिस्सा रही है। हाऊबारा बस्टर्ड ,बाज का मुख्य शिकार होता है।
बहुत सारी अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने भी इस विलुप्त होती प्रजाति के पक्षी के शिकार पर बैन लगाया हुआ है।कमाल की बात ये है कि पाकिस्तान में भी इसका शिकार करने पर बैन लगा हुआ है।
पाकिस्तान के लोग इसका शिकार नहीं कर सकते हैं ।उससे भी ज़्यादा कमाल की बात ये है कि सउदी अरब ने अपने यहाँ के अल सायद रिज़र्व में हाउबारा बस्टर्ड को भी रखा हुआ है।ये वहाँ संरक्षित है। उसका शिकार नहीं किया जा सकता।[2] लेकिन खाड़ी देशों के शाही परिवार के लोगों के लिए पाकिस्तान ये काम साठ के दशक(1960s) से ही कर रहा है। उनको स्पेशल परमिट दिए जाते हैं।बस शिकार के लिए कुछ शर्तें होती हैं—
शिकार के लिए किसी भी तरह के हथियार का प्रयोग वर्जित है। उनको ये शिकार बाज(falcon) की सहायता से करना होता है।
शिकार की अधिकतम सीमा 100 पक्षी रखी गई है।
हाउबारा बस्टर्ड के शिकार के लिए 100000 US डॉलर देने पड़ते हैं।
अब सवाल ये उठता है की क्या पाकिस्तान इस विलुप्त होती प्रजाति के पक्षी का शिकार की इजाज़त सिर्फ़ पैसे के लिए देता है। पैसे से कहीं गुना बड़ा कारण पाकिस्तान की विदेश नीति है। कश्मीर फ़ैक्टर को लेकर पाकिस्तान हमेशा ये चाहता रहा है कि कम से कम खाड़ी के देश तो उसका साथ ज़रूर दे। दूसरी बात शेख़ और अमीर लोगों को पाकिस्तान में हाउबारा बस्टर्ड का शिकार करके अपने बाप दादाओं वाली फ़ीलिंग आती है और पाकिस्तान को भी इस शिकार की इजाज़त देकर ऐसा लगता है कि पाकिस्तानी अरब लोग ही हैं।