पहले केरोसिन (मिट्टी का तेल) पारदर्शी आता था फिर उसका रंग नीला क्यों कर दिया गया?
पहले केरोसिन जिसे हम बोलचाल की भाषा में मिट्टी का तेल भी कहते हैं ,हमेशा पारदर्शी रंग में ही आता था। अब वही मिट्टी का तेल पारदर्शी के साथ नीले रंग में आने लगा है।
सरकार सस्ते दर पर बेचने के लिए राशन की दुकान पर जो तेल मुहैया कराती है, उसका रंग अब नीला ही होता है। बिना सब्सिडी के अभी भी पारदर्शी रंग में बाजार रेट पर उपलब्ध है।
केरोसिन का रंग नीला सरकार द्वारा इसलिए कर दिया गया है जिससे कि उसका दुरुपयोग ना हो सके यदि कोई उसको खुले बाजार में अधिक दाम में बेचने की कोशिश करें तो यह तुरंत पता चल जाए कि सरकारी दुकान से प्राप्त केरोसिन है जिसे बाजार में ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा है। यह कदम कालाबाजारी को रोकने के लिए उठाया गया कदम है।