पति से छोटी क्यों होनी चाहिए पत्नी, एक धारणा या अन्धविश्वाश,जानिए
जब भी हमारे परिवार वाले हमारी शादी के लिए लड़की सिलेक्ट करते है तो सबसे पहले वह लड़की की उम्र पूछते है क्यों की हमारे समाज में पति का पत्नि से बड़ा होना बेहद जरूरी होता है और जब बात की जाती है अरेंज मैरिज की तो घर वाले इस बात का अच्छे से ख्याल रखते हैं कि बहू हमारे बेटे से छोटी ही हो. हम शुरू से ही देखते आ रहे हैं कि हमारे मम्मी-पापा, दादा-दादी, मामा-मामी, चाचा-चाची के बीच भी ऐज का गैप जरूर है.
लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है की ऐसा क्यों? क्या यह जरूरी है? क्या दोनों की उम्र एक जैसी नहीं हो सकती? या पति की उम्र से पत्नी बड़ी नहीं हो सकती है. आज के समय में यह सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह धारणा लोगों के मन में आई कैसे. आखिर क्या है इसके पीछे का राज क्या हैं. क्या इसके पीछे कोई धार्मिक पहलू है?
लोगो का मानना है कि पति का उम्र पत्नी से बड़ा होना बेहद जरूरी है ताकि वह इस लायक बन सके कि अपने घर-परिवार एवं पत्नी के लिए आमदनी ला सके.
वैज्ञानिको का ऐसा मानना है कि एक लड़के और लड़की कि मैच्योरिटी के स्तर में काफी फर्क होता है. लड़कियां लड़कों से जल्दी मैच्योर हो जाती हैं इन्हे समय नहीं लगता है, जबकि लड़कों को भावनात्मक रूप से मैच्योर होने में समय लगता है. उनके बिच का अंतर 3 से 4 वर्ष का हो सकता है.
यदि लड़के और लड़की की शादी एक ही उम्र में करा दी जाए तो उनकी सोच एक दूसरे से नहीं मिलेगी जिस वजह से उनका रिश्ता अधिक समय तक दिन टिक नहीं पायेगा.
विशेषज्ञों का ऐसा मानना है की यदि एक ही उम्र के लड़का लड़की की शादी हो जाए तो उनमें आपसी समझ पनप नहीं पाती लेकिन यदि उनकी उम्र का अंतर होता है तो दोनों एक-दूसरे की बात को अच्छे से समझ पाते हैं और यही एक सफल शादी की निशानी मानी जाती है.
खुद से ज्यादा उम्र वाला हमसफर होने से जिम्मेदारियों का एहसास जल्द होेने लगता है. अगर दोनों एक ही उम्र के होंगे तो उनमें अनुभव की कमी होने के साथ ही जीवन में कई परेशानियों का सामना करा पड़ता है.
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