पढ़े मजेदार कहानी, एक धोबी का बेटा रवि की शिक्षा।
किसी समय के बात है । एक गांव में एक लड़का रहता था। वह बहुत ही गरीब घर का सदस्य था। उस लड़के का नाम रवि था। रवि बहुत ही ज्यादा ध्यान देता था पढ़ने में। वह पढ़ने में काफी तेज़ था। उसके पिता जी धोबी का काम करते थे।
वह हमेशा अपने पिता जी के साथ धोबी घाट जाता और अपने पढ़ने के किताबें खोल कर देखता रहता। सभी धोबी रवि से काफी प्रभावित थे सब धोबी रवि से खूब प्यार करते थे। रवि हमेशा अपनी पुस्तके धोबी घाट ले जा कर पढ़ा करता था। एक बार वह अपने किताब को देख रहा था अचानक एक दूसरा धोबी आया और जान बूझ कर एक बाल्टी पानी को रवि के किताब में गिरा देता है। पानी गिरने के वजह से रवि की पुस्तके गीली हो जाती है। रवि धोबी घाट में ही जोर जोर से रोने लगता है। उसी समय वहां के सभी धोबी रवि के पक्ष में उस धोबी को बोंलने लगे कि आपने गलत किया है।
छोटे से बच्चे के किताब को आपने गीली कर दिया। बहुत सारे लोगो के बात को सुनकर उस धोबी को भी बुरा लगने लगा और दूसरे दिन ही वह धोबी रवि के लिए नई पुस्तके खरीद कर लाता है । वह रवि को पुस्तके उपहार में देता है। उपहार में किताबें पाकर रवि बहुत खुश था। इसके बाद रवि फिर से अपनी पढ़ाई शुरू कर देता ही और कुछ दिन बाद ही रवि परीक्षा होता है। परीक्षा खत्म होने के बाद रवि बहुत खुश हो जाता है। रवि का रिजल्ट कुछ दिनों बाद आ जाता है। रवि अपने रिजल्ट के लिए काफी उत्साहित था। रवि अपने माता जी के साथ रिजल्ट लेने पहुंचता है। रिजल्ट में पता चलता है कि रवि अपने वर्ग में पहल स्थान प्राप्त किया है। इसके बाद रवि अपने उच्च वर्ग की तैयारी करने लगता है।