धोनी की टीम जब हरती थी तो किस तरह ज़िम्मेदारी लेते थे? जानिए
जब भी धौनी की टीम हारती थी तो जिम्मेदारी खुद ही ले लेते थे और जब भी टीम जीतती थी तो वो टीम को आके कर देते थे।
धौनी भाई हमेशा से कुछ अलग करते सा रहे है फिर चाहे शुरू का पहला ओवर स्पिनर से कराना हो या फिर चाहे अन्तिम का कठिन परिस्थिति वाला ओवर सचिन पाजी से कराना हो।
धोनी ने जिस भी खिलाड़ी को लिया है उसे हीरे की तरह भारत को पेश किया है फिर चाहे बात मुरली विजय कि हो या बात दीपक चहर कि हो यहां तक कि रोहित शर्मा को भी उन्होने ही प्रमोट किया है कि वो पारी की शुरूआत करे ना कि मिडिल ओवर में आके बल्लेबाजी करें और परिणाम आपके सामने है।
अगर टीम किसी विशेष व्यक्ति के वजह से हार रही है और उसकी आलोचना बाहर हो रही हो तो उस स्थिति में भी धोनी उसको इतना मोटीवेट कर देते थे कि अगले मैच में वहीं खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर के चला जाता था।
इसी तरह जब टीम हारती थी तो हमेशा खुद को आगे रख कर उन खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते थे अपने धोनी भाई।