दुनिया के अनसुलझे रहस्य क्या है?

ऐसे तो हमारी यह दुनिया बड़ी ही खूबसूरत है। पर हमारी यह दुनिया आपने अंदर कुछ ऐसे भी रहस्य छुपाये बैठी है। जिसका पता लगाना हमारे बस के बाहर है।

तो आइए जानते है दुनिया के १० रहस्य के बारे मे जिसके बारे में दुनिया कुछ नहीं जानती है।

१. कुलधारा गांव (भारत )

कुलधरा गांव के खंडहर

भारत के राजस्तान के जैसलमेर जिले में स्थित कुलधारा एक ऐसा गांव है जो भी वीरान है। कहते है की १३ वी शताब्दी के आसपास पालीवाल ब्राह्मणो ने कुलधारा गांव की स्थापना की थी , जो की उस समय राजस्तान का सबसे समृद्ध गांव था। इस गांव के लोग अचानक रातो रात यह गांव छोड़कर चले गए , जिसके पीछे कई कारन बताये जाते है।कहते है की १९ वी शताब्दी के शुरवात में यहाँ बड़ा भयंकर सूखा पड़ा था जिसके वजह से इस गांव में पानी की एक बूँद तक नहीं बची जिसके वजहसे वहा खेती करना असंभव हो गया था , लेकिन जैसलमेर राज्य के मंत्री सलीम सिंह ने कुलधारा गांव के लोगो पर जो कर लगाए थे वह कम नहीं किये जिसके वजहसे शायद कर की आपूर्ति करने में सक्षम ना होने के कारन से गांव के लोगो को यह गांव छोड़ना पड़ा हो। तो दूसरी कहानी यह है की सलीम सिंह का दिल गांव के एक सुन्दर लड़की पर आ गया था, वह उस लड़की से शादी करना चाहता था पर पालीवाल ब्राह्मण जो की आपने धर्म के बहार जा कर कोई भी काम नहीं करते थे उन्हें यह मंजूर नहीं था। इसीलिए सलीम सिंह ने पालीवाल ब्राह्मणो पर ज्यादा कर लाद दिए, पर तब भी जब पालीवाल ब्राह्मणो ने उसके सामने हार नहीं मानी तो उसने आपने सिपाहियों को भेजकर जबरन उस लड़की को उठा के ले आने को कहा और जब यह बात पालीवाल ब्राह्मणो को पता चली तो वह लोग रातोरात पूरा गांव छोड़कर चले गए और जाते जाते श्राप दे गए की इस गांव में कोई कभी नहीं बस पायेगा।

यह तो सारे तर्क है पर गांव वीरान होने के पीछे की असली कहानी क्या है यह तो आज भी एक रहस्य बना हुआ है।

२. डांसिंग प्लेग 1518 (स्ट्रॉसबर्ग, फ्रांस )

डांसिंग प्लेग

कहते है की १५१८ वी शताब्दी में एक महिअचानक स्ट्रॉसबर्ग के सड़क पर बड़े विचत्र तरीके से नाचना शुरू किया। और वह दिन से रात और रात से दिन तक नाचती ही रही , उसे नाचता देख उसके नृत्य के मोह में आकर और भी कई महिलाये उसके साथ नाचने लगी। उनको देखकर ऐसा लगता था की जैसे उनपर कोई अनजानी शक्ति का वास हो , उन सभी के नाचने के पीछे ना तो कोई कारन था और नाही कोई खास मौका , स्तानीय लोगो ने उन महिलाओ को रोकने की कोशिश की पर वह किसी के रोकने पर भी नाचना नहीं छोड़ती थी। और देखते ही देखते नाचते नाचते उन लोगो की मौत होने लगी पर फिर भी यह सिलसिला चलता रहता किसी की मौत होने पर कोई और उसके जगह नाचना शुरू कर देता जिसके वजहसे पुरे स्ट्रॉसबर्ग शहर में सनसनी फ़ैल गयी , जिसके बाद वहा कई चिकिस्तको और धार्मिक पुरोहितो को इस घटना पर नियंत्रण लाने के लिए भेजा गया। लेकिन वहा के सरकार के इस घटना को नियंत्रण में लाने के सारे प्रयास बेकार साबित हुए। और एक दिन अचानक आपने आप लोगो ने नाचना बंद किया पर तब तक लगभग ४०० लोगो की मौत हो चुकी थी।

इस विचित्र घटना के पीछे का कारन सामने नहीं आ सका , और वहा के सरकार ने इस घटना को डांसिंग प्लेग नाम दे दिया।

३. ताओस हम्म ( न्यू मेक्सिको )

ताओस हम्म न्यू मेक्सिको

ताओस उत्तर -मध्य मेक्सिको में एक छोटासा शहर है। कहते है की १९९० के दशक के शुरवात में यहा के लोगो को कोई डीजल इंजन चलने की आवाज आने लगी , जिसे साफ़ साफ़ सुना जा सकता है , और जो कभी नहीं रुकता , और रात के समय तो यह शोर बढ़ जाता है। जब १९९३ में ताओस के लोगो ने परेशान हो कर इस घटना के बारे में कुछ करने के लिए वहा के सरकार से कहा तब वहा कई ध्वनि पहचान के यंत्र लगाए गए , लेकिन उस डीज़ल इंजन के जैसे आवाज कहा से आ रही है कुछ पता नहीं चला।

आज भी ताओस के उस रहस्यमई आवाज को साफ़ साफ़ सुना जा सकता है , पर आज भी कई आधुनिक मशीने होने के बावजूद यह आवाज कहा से आती है यह पता नही चल सका है। इस आवाज को ताओस हम्म (गूंज ) नाम से जाना जाता है।

४. द ओरंग मेडन , THE OURANG MEDAN

OURANG MEDAN SHIP

OURANG MEDAN के बारे मे कहा जाता है की १९४७ की शुरवात में जब दो अमेरिकी जहाज मलेशिया के समुद्री तट से मलक्का की खाड़ी से गुज़र रहे थे , तभी उन्हें एक DISTRESS CALL आया कॉलर ने खुद को OURANG MEDAN जहाज के एक सदस्य के रूप में बताया और यह सुचना भी दी की जहाज के कप्तान तथा बाकी सारे लोगो की मौत हो चुकी है। और मै भी मरने वाला हु बस इतना बोल के कॉल कट हो गया।

जब अमेरिकी जहाज के लोग OURANG MEDAN पर मदत के लिए पहुंचे तो वह हैरान रह गए,उन्होंने देखा की जहाज के हर सदस्य की मौत हो चुकी है , और जहाज पर हर जगह लाशे पड़ी हुई थी। लेकिन कई लाशो की आँखे अब भी खुली थी और उनके चेहरे पर डर साफ दिख रहा था। यहा तक की जहाज पर सवार कुत्ते की भी मौत हो चुकी थी। लेकिन आश्चर्य की बात तो यह थी की किसी के भी शरीर पर कही भी जख्म के निशान नहीं थे। अमेरिकी जहाज के लोग और जांच करते उसके पहले ही OURANG MEDAN पर अचानक आग लग गयी और उन्हें आपने जहाज पर वापस आना पड़ा, उसके बाद जहाज पर अचानक विस्पोट हुआ और OURANG MEDAN पानी में डूब गया , और इसी के साथ OURANG MEDAN जहाज पर क्या हुआ था इसके पीछे की कहानी हमेशा के लिए दुनिया के लिए रहस्य बन गयी।

५. नाज़्का लाइन्स (दक्षिण अमेरिका )

नाज़्का लाइन्स

दक्षिण अमेरिका के पेरू में बनी नाज़्का लाइन्स सदियों से दुनिया के लिए एक रहस्य बानी हुई है। कहा जाता है की नाज़्का लाइन्स का निर्माण 200bc से 700bc के मध्य में नाज़्का लोगो द्वारा किया गया था। नाज़्का लाइन्स को इस प्रकार बनाया गया है की वह आसमान से ही नही बल्कि अंतरिक्ष से भी दिखाई दे लेकिन जिस तरीकेसे नाज़्का लाइन्स को बनाया गया है वह उस ज़माने में असंभव सी बात है। मान्यता ऐसी है की नाज़्का सभ्यता के लोगो का संबंध दूसरे ग्रह के लोगो से यानी एलिअन्स से था , और उन्ही के स्पेस शिप को उतरने के लिए एलिअन्स ने खुद एलियन टेक्नोलॉजी से नाज़्का लाइन्स का निर्माण किया। यहा एक इंसान की आकृति दिखाई देती है जो एक स्पेस सूट पहनकर हाथ हिलाते हुए दिखाई देती है।

इस आकृति को इंसानो ने बनाया तो क्यों बनाया या सच में इसे एलिअन्स ने बनाया है यह तो आज भी एक रहस्य है।

६. साइलेंस जोन (मेक्सिको)

साइलेंस जोन मेक्सिको

ऐसे तो मेक्सिको आपने पर्यटन स्थलों तथा खाने के लिए जाना जाता है। लेकिन मेक्सिको के धरती पर ऐसे भी रहस्य है जिसे आज का हमारा आधुनिक साइंस भी नहीं समज पाया है। दरअसल मेक्सिको शहर में एक जगह ऐसी भी है जिसे साइलेंस जोन नाम से जाना जाता है। इस जगह का नाम साइलेंस जोन तब रखा गया जब सन १९६६ में एक तेल कंपनी यहा तेल खोज रही थी। कंपनी ने जब यहा तेल की खोज शुरू की तब वह बहुत परेशान हुए क्योंकि यहा उनके सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण काम करना बंद कर देते और रेडियो सिग्नल भी गायब हो जाता। लोगो का दावा है की यह घटना यहा तब से शुरू हुई जब से यहा उल्कापिंड गिरे है। यहा सबसे पहले उल्कापिंड १९३८ और उसके बाद १९५४ में गिरा था। इस जगह पर इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण बंद होने पर तब से संशोधन होने लगा जब यहा से गुजर रहा एक अमेरिकन टेस्ट रॉकेट धराशाही हो गया। इसके बाद जब वैन्यानिको ने यहा संशोधन किया तो वह भी आश्चर्यचकित हो गये यहा पर उनके कंपास और जीपीएस ने भी काम करना बंद किया जिसके चकरी पूरी तरह से गोल गोल घूम रही थी और सही दिशा दिखाने में नाकाम हो गयी थी।

यह जगह मेक्सिको में चिहुआहुआ रेगिस्तान के नाम से जानी जाती है। और आज तक इस रहस्य को कोई समज नहीं पाया है की क्यों यहा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण काम करना बंद कर देते है.

७. ३० करोड़ साल पुराण लोहे का पेच

30 years million old screw

१९९८ मे जब रुसी वैन्यानिक दक्षिण पछिम मास्को से करीब ३०० किलोमीटर दूर एक उल्का के टुकड़े की जांच कर रहे थे। तभी जांच के दौरान ही उन्हें एक पत्थर का टुकड़ा मिला जिसके अंदर एक लोहे का पेच था। लेकिन इस पत्थर को देख कर वैद्यानिक भी चकरा गए , क्योंकि जब उन्होंने इस पत्थर की जांच की तो वह ३०० मिलियन यानि ३० करोड़ साल पुराना था। उस पत्थर में मिले लोहे के पेच से आज भी वैन्यानिक हैरान है क्योंकि उस ज़माने में ना तो कोई विकसित प्रजाति थी और ना ही तब डायनासॉर हुआ करते थे। इस पत्थर को देख कर तो यही सवाल खड़े होते है की हमसे भी पहले क्या हमारी धरती पर विकसित सभ्यता थी? या फिर आज से करोडो साल पहले एलिअन्स धरती पर आया करते थे ? या फिर किसी ने टाइम ट्रैवेल करके यह लोहे का पेच वहा रखा था। सवाल तो बहुत सारे है पर यह लोहे का पेच ३० करोड़ साल पहले वहा कैसे आया इस बात का रहस्य खुलना अभी बाकि है.

८. डेथ वैल्ली के खिसकते पत्थर (कैलिफोर्निआ )

डेथ वैल्ली के खिसकते हुए पत्थर

डेथ वैल्ली नेशनल पार्क अमेरिका में पूर्वी कैलिफोर्निआ और नेवादा के बिच है। यहा का तापमान ज्यादा होने के कारन इसे एक सुनसान जगह के रूप मे जाना जाता है। लेकिन इस जगह में पाए जाने वाले पत्थरोंके आपने आप खिसकने के कारन यह जगह पूरी दुनिया में जानी जाती है। कैलिफोर्निआ के डेथ वैल्ली में पत्थरो का आपने आप खिसकना वैद्न्यानिको के लिए एक पहेली है। दरअसल डेथ वैल्ली में रेसट्रैक प्लाया नामक एक जगह है,जहा पहले कभी एक झील हुआ करती थी। अब वह झील सुख गयी है और वह जगह एकदम सपाट हो गयी है और यहा पत्थर आपने आप खिसकते है लेकिन किसी ने अब तक इन पत्थरो को आपनी आँखों से खिसकते हुए नहीं देखा है। सर्दियों में तो यह पत्थर करीब २५० मीटर तक खिसकते है १९७२ में इस रहस्य को सुलझाने के लिए वैद्यानिको की एक टीम आयी थी, उस टीम ने पत्थरो के एक समूह का नामकरण किया और उसपर ७ साल तक आध्ययन किया। लेकिन केरी नाम का लगभग ११७ किलोग्राम का पत्थर आध्ययन के दौरान आपनी जगह से जरा भी नहीं हिला लेकिन जब वैद्यानिक कुछ साल बाद वहा वापस लौटे तो उसे अपनी जगह से करीब १किलोमीटर दूर पाया। अब वैद्यानिको का यह मानना है की तेज़ हवाओ के कारन ऐसा होता है लेकिन उनके इस थ्योरी को ख़ारिज कर दिया गया है और अब तक कोई भी डेथ वैल्ली के इन खिसकते हुए पत्थरो के पीछे क्या कारन है इसका संतोषजनक कारण नहीं दे सका है.

९.वॉयनिक मैनुस्क्रिप्ट (Voynich Manuscript)

Voynich Manuscript

दुनिया में ऐसे तो किताबे लिखी ही इस लिए जाती है की उसके जरिये आपने विचार ,जानकारी, तथा ज्ञान को बाटा जाये। पर यह दुनिया की ऐसी किताब है जिसे लिखने वाला शायद यह नहीं चाहता था की इस किताब के रहस्य किसी को पता चले। इस किताब को कोनसी भाषा में लिखा गया है यह अब तक कोई भी नहीं समज पाया है। वैद्न्यानिको के हिसाब से यह रहस्यमयी किताब ६०० साल पुराणी है। और कार्बन डेटिंग से यह पता चला है की इस किताब को हाथ से ही १५ वि शताब्दी में लिखा गया था। इस किताब में कई तरह के पेड़पौधे से लेकर इंसानो के चित्र बनाये गए है। पर हैरानी की बात तो यह है की इसमें ऐसे भी कई पेड़ पौधो के चित्र है जो इस धरती पर कही भी मौजूद नहीं है। इस किताब में इतिहासकार इतनाही समज पाए है की किताब में लिखे गए कुछ शब्द लैटिन और जर्मन भाषा में है। इस रहस्यमयी किताब के कई पन्ने समय के साथ ख़राब हो चुके है। अभी तो बस २४० पन्ने ही बचे है। इटली के एक बुक डीलर विलफ्रिड वॉयनिक ने इस किताब को १९१२ में कही से ख़रीदा था। और उन्ही के नाम पर इस किताब का नाम वॉयनिक मैनुस्क्रिप्ट रखा गया है। अब इस किताब का रहस्य कब खुलेगा यह तो आनेवाला समय ही बता सकता है.

१०.मांस की बारिश

हमने आसमान से बारिश के पानी या बर्फ को आसमान से निचे गिरते हुए देखा है, लेकिन मांस की भी बारिश कभी हुई है यह तो मज़ाक ही लगता है लेकिन यह मज़ाक नहीं एक सत्य घटना है साल १८७६ में अमेरिका के बाथ कंट्री के रंकिन में अचानक ही मांस के टुकड़े आसमान से जमीन पर गिरने लगे लोगो के अनुसार करीब ४ से ५ मिनिट तक आसमान से मांस के ४ इंच लंबे टुकड़े जमीन पर गिरे थे। जब लोगो ने इस मांस के टुकड़ो को जमा करके पकाया तो वह एकदम ताज़ा और खाने में भालू के मांस की तरह थे। पर जब वैद्यानिको ने इसपर संशोधन किया तो पता चला की यह कोई नवजात घोड़े के मांस के टुकड़े थे , लेकिन जब और संशोधन किया गया तो यह पता चला की यह शायद किसी तरह का बक्टेरिया था जो आसमान में जमा जो हो गया था और बारिश के साथ जमीन पर गिरा था। लेकिन इस मांस के बारिश के पीछे का कोई ठोस कारन कोई बता नहीं सका है और मांस की बारिश मानव समाज के लिए आज भी रहस्य है.

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