दशनाम ब्राह्मण कौन हैं? जानिए
इन्हें दशनाम गोसाई/गुसाईं/गोस्वामी के रूप मे जाना जाता हैं। इस शीर्षक का मतलब गौ अर्थात पांचो इन्द्रियाँ, स्वामी अर्थात नियंत्रण रखने वाला। इस प्रकार गोस्वामी का अर्थ पांचो इन्द्रियों को वश में रखने वाला होता है। लेकिन बोलचाल की भाषा में गोस्वामी का अर्थ हिन्दुओं के रक्षक व गौरक्षक से भी समझा जाता है।
भारतीय उपजाति “गोस्वामी” के समूह से बना यह समाज सम्पूर्ण भारत में फैला है। गोस्वामी समाज के सर्वाधिक लोग राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल , हरियाणा, पंजाब, झारखंड, आसाम एवम बिहार में रहते हैं।
नेपाल में दशनाम गुसाईं समाज कुल जनसंख्या के 1%से भी अधिक हैं। ये शिव के उपासक होते हैं। दिन रात शिव की पूजा करते हैं जिसे लोग इन पुजारी को ब्राह्मण समझा जाता है। लेकिन तकनीकी रूप से गोसाईं (गोस्वामी) ब्राह्मणों से अधिक श्रेष्ठ होते हैं।