थर्माकोल कैसे बनाया जाता है?
थर्मोकोल कोका-कोला की तरह एक व्यावसायिक नाम है। इसका वास्तविक नाम पॉलीस्टायरिन है।
पॉलीस्टायरिन ( थर्मोकोल) की मूल खोज 1839 मे बर्लिन के एडवर्ड सायमन ने की थी।
1951 में बीएएसएफ नाम की एक जर्मन कंपनी के शोधकर्ताओं ने पॉलीस्टाइनिन (एक सिंथेटिक पेट्रोलियम उत्पाद) के अणुओं के रासायनिक बंधन का सफलतापूर्वक पुनर्गठन किया और खिंचाव पॉलीस्टीरिन नामक पदार्थ का विकास किया।
इस पदार्थ का नाम थर्मोकोल था, जो आजकल एक साधारण प्रक्रिया से निर्मित होता है।
थर्मोप्लास्टिक के दानो को गर्म भाप और गर्म हवा के माध्यम से फुला कर किया जाता है।
विस्तारित दाने आकार में बहुत बड़े हो जाते हैं लेकिन बहुत हल्के रहते हैं।
किसी विशेष आकार का थर्मोकोल बनाने के लिऐ दानो को उचित मात्रा मे सांचे मे भर कर गर्म हवा से फुलाते हैं, जिससे वे उस सांचे का आकार ले लेते हैं।
इसे अलग अलग घनता ( डेंसिटी) मे बनाया जा सकता है।
थर्मोकोल ठंड और गर्मी का एक अच्छा रिसिस्टर है, लेकिन चूंकि यह एक पेट्रोलियम उत्पाद है, इसलिए यह पेट्रोलियम के अधिकांश विलायकों में घुल जाता है।