तेजपात क्या है, इसको कैसे प्राप्त किया जाता है?

तमाल पत्र या Indian bay leaf के नाम से मशहूर तेजपात, Cinnamomum tamala नाम के सदाहरित, मध्यम आकर के वृक्ष के पत्ते होते है।

ताजा या सूखे पत्तों का और सूखे पत्तों के पाउडर के रूप में उपयोग किया जाता हैं।

पत्तियों की कटाई तब की जाती है जब पेड़ १० वर्ष की आयु प्राप्त करता है। एक पूरे बढ़े हुए पेड़ से सामान्य रूप से ९ से २५ किलो तक तेजपात मिलता है। इन का संग्रह अक्टूबर – मार्च तक सूखे मौसम के दौरान होता है ।

इन पत्तियों से निकाले गए तेल, जिसे bay leaf oil (बे लीफ ऑयल) कहा जाता है, में औषधीय गुण होते हैं और इसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।

भारतीय, नेपाली और भूटानी व्यंजनों में तमाल पत्र का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। यह मुग़लई व्यंजनों में एक महत्वपूर्ण मसाला है, मुख्य रूप से बिरयानी और कोरमा। भुने और पाउडर किये हुए तमाल पत्र को भारत में इस्तेमाल किये जानेवाले “गरम मसाला” में मिलाया जाता है।

मसलों में उपयोग किये जाने के अलावा, तमला पत्र का आयुर्वेद जैसे पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में भी इस के औषधीय गुणों के कारण इस्तेमाल होता है।

आयुर्वेद के अनुसार, तमाल पत्र में पत्ती कड़वा, मीठा स्वाद, गर्म तासीर होती है। इस का उपयोग वात और कफ प्रधान व्याधियों में होता है। आयुर्वेद में इस का

खुजली, गुदा और मलाशय के रोग, बवासीर, हृदय रोग आदि में प्रयोग किया गया है।

आधुनिक अध्ययनों के मुताबिक, तमाल पत्र में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी इंफ्लेमेटरी, मूत्रवर्धक, मधुमेहविरोधी, एंटीऑक्सीडेंट और कसैले गुण होते है।

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