तीस मार ख़ान कौन था? जानिए

एक गाव मे एक आदमी हमेशा सर्दी ज़ुकाम से ग्रसित रहता था।एक दिन सुबह सुबह उसे जोर खॉंसी आयी और उस खॉंसी की वजह से उसके अंदर से एक बड़ा बलगम निकला।उसने जैसे ही बलगम को जोर से फेका वैसे ही तिस मख्खिया उसके बलगम के चपेट में आकर मर गई।तब से लोग उसे तिस मार खॉं कहने लगे।

उसके नामकी चर्चा पुरे शहर मे हो गयी।बहोत सारे लोगो की उसे तिस मार खॉं यह उपाधि कैसे मिली पता ही नही था। इसलिए शहर के बहुत सारे लोग उसका नाम सुनकर ही डरते थे। लेकिन बिमारी और बेरोजगारी से तंग आकर वो शहर छोड़कर एक राजा के नगरी मे चला गया।उस नगरी मे जाने के बाद वह राजदरबार मे रोजगार मॉंगने के लिये राजा के सामने गया।उस राजदरबार के कुछ लोग उसे पहचानते थे। जैसे ही वह दरबार के अंदर पहुचा वैसे ही उसको पहचानने वाले लोग अदब से खड़े हो गए।जब राजाने पुछा आप क्यौ खडे हुये हो तब उन्होंने कहा महाराज आपने पड़ोस के शहर के तिस मार खॉं का नाम सुना है ना?वो अपने दरबार मे आ गये है।

यह बात सुनकर राजा भी खड़ा हो गया।बडे अदब से तिस मार खॉं का स्वागत किया गया।उसे और उसके परिवार को रहने खाने का पुरा इंतजाम किया गया।राजा ने उसे राज दरबार बुलाकर कहा की आज से तुम हमारे सेना के किमती योद्धा हो।जबतक हमे तुम्हारी खास जरुरत नही पड़ती तबतक तुम्हारी खाने रहने की जरूरत पुरी होती रहगी। कुछ दिनो बाद राजा पर हमला करने का चैंलेज पडोसी राजाने कर दिया। पड़ोसी राजा बहुत शक्तीशाली और बहुत सारे फौज का धनी था।उसके आगे बड़े राजाओ ने घुटने टेक दिये थे।

लेकिन इस राजा को तिस मार खॉं पर भरोसा था।राजाने चैलेंज कबुल कर लिया।तिस मार खॉं को राजदरबार मे बुलाया गया और उसे कहा की कल अपने उपर हमला करने पुरी तैयारी से आ रहा है।तुम्हे यह लढाई जितना है। तिस मार खॉं अंदर ही अंदर बहुत डर गया। लेकिन राजा राजा को सच बता देता तो राजा मार देगा नही बताता तो जंग मे मरना है।इस डर से चुप रहकर उसने राजा से कहा मुझे लढाई के लिये सबसे ताकतवर घोड़ा चाहीये।उसे सबसे ताकतवर घोड़ा दिया गया।

उसने सिपाहियों से कहा अब मुझे घोड़े पर ऐसा बांध दो की मै हिल न सकु।उसे मजबुत बांध दिया गया। लढाई के मैदान के तरफ फौज तिस मार खॉं के पिछे चल पड़ी।तिस मार खॉं का घोड़ा बहुत तेजी से दौड़ रहा था।तिस मार खॉं ने जब सामने दुश्मन फौज देखी तब बहुत ही घबरा गया।इस घबराहट मे उसके बिच में एक झाड़ आ गया।उसने घबराहट मे झाड़ की टहनी पकड़ लिया। तिस मार खॉं घोड़े से बंधा हुआ होने के कारण झाड़ की बडी टहनी टुट गयी।यह घटना दुश्मन फौज ने देखते ही घबराकर भाग गये और तिस मार खॉं के कारण युद्ध जित लिया गया।अब तिस मार खां कि इज्जत राजा के पास बहुत बड गई।तिस मार खॉं से अडोस पड़ोस के राजा महाराजा डरने लगे।

उसे अपने फौज मे मुखिया बनने का नेवता देने लगे।आगे राजा के क्षेत्र मे एक शेर आ गया और उसने लोगो मे दहशत पसर गयी।राजाने शेर पकड़ने कि जिम्मेदारी तिस मार खॉं को दी।अब तिस मार खॉं बहुत ही घबरा गया। उसने रातो रात भाग जाने का फैसला ले लिया। लेकिन तिस मार खॉं अब शेर को पकड़ने वाला इस बात से लोग मे उत्साह संचार गया। तिस मार खॉं शेर पकड़ने वाला है।यह बात शेर को पता चल गई। तिस मार खॉं घर जाकर पत्नी से कहने लगा अब हमे रातों-रात भागना होगा।क्यौकी राजाने शेर को पकड़ने का हुक्म दिया है।शेर भी तिस मार खॉं के डर से गधो के खोपडी मे जाकर छुप गया।रात होते ही तिस मार खॉं गधो के खोपडे मे एक गधा पकड़कर लाने गया।

खोपडे मे अंधेरा था।तिस मार खॉं ने हाथो से हट्टा-कट्टा जवान गधा पकड़ा और अपने घर के सामने लाकर बांध दिया और सो गया। निंद लगने की वजह से दिन निकलने तक तिस मार खॉं सोता रहा।दिन निकलते ही लोगों की भीड़ तिस मार खॉं के घर के आगे जम गई।क्यौकि तिस मार खॉं ने गधे के भ्रांतिपर अंधेरे मे गधो के खोपडे मे डरकर छुपे हुए शेर को ही पकड़कर घर के सामने बांध दिया था।लोग उसके घर के आगे जम जमकर चिल्ला रहे थे।तिस मार खॉं शेर को पकड़कर बांधने कि बजाय उसे मार डालो।यह आवाज सुनकर तिस मार खॉं की निंद खुल गई।जब तिस मार खॉं ने खिडकी से देखा तो हैरान रह गया।उसने गधे के बजाय शेर को ही लाकर बांध दिया था।वो लोगो को कहने लगा राजाने मुझे शेर पकड़ने की जिम्मेदारी दी थी,उसे मारने की नही।उसे तुम मार डालो।इस बात से तिस मार खॉं नाम प्रसिद्ध हो गया है।

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