ताजमहल के बारे में कुछ अनोखे तथ्य क्या हैं?

ताजमहल के बारे में, संगमरमर पर उकेरा गया ताजमहल हर किसी को हैरान कर देता है। आइए जानते हैं ताजमहल के बारे में ऐसी 10 बातें, जो आपने शायद ही पहले कभी सुनी होंगी।

आगरा। ताजमहल (Tajmahal)। मुगल बादशाह शाहजहां (Shajhanan) ने दुनिया को नायाब तोहफा दिया है। ताजमहल मोहब्बत का प्रतीक है। इसका कारण यह है कि शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण अपनी प्रिय बेगम मुमताज (Mumtaj) महल की याद में कराया था। श्वेत संगमरमर पर उकेरा गया ताजमहल हर किसी को हैरान कर देता है। आइए जानते हैं ताजमहल के बारे में ऐसी 10 बातें, जो आपने शायद ही पहले कभी सुनी होंगी।

1.ताजमहल का निर्माण मुमताज (1 सितम्बर 1593- 17 जून 1631) की याद में किया गया है। मुमताज पर्सिया देश की राजकुमारी थी। मुमताज की मौत 1631 में 14वीं संतान गौहर बेगम को जन्म देते समय बुरहानपुर (मध्य प्रदेश) में समय हुई थी।

2.शाहजहां ने 1631 में ताजमहल के निर्माण की घोषणा की, लेकिन निर्माण 1632 में शुरू हुआ। ताजमहल के निर्माण की व्यापक तैयारी की गई।

3.ताजमहल के निर्माण पर तब 3.20 करोड़ रुपये की लागत आई। आज से तुलना करें तो यह लागत करीब 53 अरब रुपये बैठती है।

4. उस्ताद अमहद लाहौरी की देखरेख में ताजमहल का निर्माण 20 हजार मजदूरों ने किया। ताजमहल 20 साल में बनकर पूरा हो पाया। बिना रुके लगातार काम चला।

5.ताजमहल के प्रवेश द्वार पर लिखा है- हे आत्मा, तू ईश्वर पास विश्राम कर। ईश्वर के पास शांति के साथ रह तथा उसकी पूर्ण शांति तुझ पर बरसे। ताजमहल के द्वार पर कुरान की आयतें उकेरी गई हैं।

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