डेड सी या मृत सागर में कोई भी क्यों नहीं डूबता है ?
आपने कई सारी नदियों और सागरों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप ऐसे सागर के बारे में जानते हैं, जहां का पानी इंसानों के पीने लायक तो नहीं है, मगर दवा बनाने के इस्तेमाल में इसका पानी किसी अमृत से कम नहीं है!
दिलचस्प बात तो यह है कि वर्तमान में यह पर्यटकों के पंसदीदा स्थलों में से एक बन चुका है।
क्यों आईए जानते हैं-
‘डेड सी’ और ‘अरबी झील’ के नाम से मशहूर
जॉर्डन, इजराइल और फिलीस्तीन के बीच में मौजूद है यह मृत सागर!
इसको ‘डेड सी’ और ‘अरबी झील’ के नाम से भी जाना जाता हैं। इसके साथ ही मृत सागर समुद्र के तल से लगभग 400 मीटर नीचे दुनिया का सबसे निचला बिंदु है। इसकी लम्बाई करीब 65 किलोमीटर और चौड़ाई 8 किलोमीटर है।
समुद्री जीवों के अलावा यहां जलीय पौधे भी नहीं पनप पाते, इस वजह से इसे “मृत सागर” कहा जाने लगा, जो एक ग्रीक लेखक द्वारा दिया गया था।
मृत सागर का पानी दुनिया के दूसरे जलस्रोतो से अधिक खारा है। इसमें मौजूद नमक औसतन एक घन फुट के लिए एक किलोग्राम होता है, लेकिन इसका पानी दूसरे समुद्रों से लगभग 6–7 गुना ज्यादा खारा होता है।
इसकी दूसरी बड़ी खासियत यह है कि इस सागर का पानी अपने खारेपन की वजह से ज्यादा भारी होता है, इस कारण इसका पानी ऊपर से नीचे की ओर बढ़ता है। परिणाम स्वरूप यह सागर अपने उच्च घनत्व (गाढ़ापन) के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि इस सागर में किसी भी इंसान का डूबना असंभव है।
इस समुद्र में नहीं डूबने का कारण या तैरने की बात हो तो इसका प्रमुख कारण भी समुद्र का खारा पानी ही है। पानी में नमक ज्यादा होने की वजह से यहां पानी में उछाल भी काफी रहता है जिससे कोई डूबता नहीं है।
अपनी इन्हीं अद्भुत खूबियों के कारण हमेशा से ही सैलानियों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
सैलानी इसके अद्भुत नज़ारों को देखने और इसकी खासियत से रूबरू होने जाते हैं। गजब की बात तो यह है कि इंसान तैरना भी नहीं जानता, वो भी इस सागर में आसानी से लेट कर पिकनिक मना सकता है।
बताते चलें कि 2007 में इसका नाम विश्व के सात (7 न्यू वंडर्स इन द वर्ल्ड) अजूबों की लिस्ट के लिए चयनित किया गया था। वह तो इसके पक्ष में ज्यादा वोटिंग नहीं हुई। इस कारण वह दुनिया के सात अजूबों में शामिल नहीं हो सका।