डबल डेकर ट्रेन की खासियत क्या है ? जानिए

डेक फर्श को कहते हैं। सो, दो फर्श (फ्लोर) वाले सवारी डब्बे डबल डेकर कहलाएंगे। जैसे डबल डेकर बस

अब रेल के डबल डेकर को देखें

हरा पीला चित्र को गौर से देखें तो स्पष्ट होगा कि इसमें 3 तल होते हैं .

जब डब्बे में घुसते हैं तो – आम डब्बों सा ही तल/फ्लोर होता है – सामान्य फर्श तल
दूसरा तल नीचे जाने के लिए सीढ़ियों से उतरकर
तीसरा तल सीढ़ियों से ऊपर चढ़कर

इसमें ज्यादा यात्री एक ही डब्बे में आ जाते हैं। जैसे वर्तमान डबल डेकर उदय में आम ए सी चेयर कार की तुलना में 47% ज्यादे आ सकते हैं। तो पॉपुलर ट्रेनें जहाँ डब्बों की संख्या पहले ही अधिकतम लिमिट (24 डब्बे ) पहुँच चुके हैं – डबल डेकर ही आखरी रास्ता बचता है। 47% ज्यादे अर्थात 24 की जगह 36 डब्बे की ट्रेन चलाने के बराबर है यही डबल डेकर की सबसे बड़ी खासियत है।

यात्रियों की संख्या 120 अधिकतम होती है। जबकि सामान्य चेयर कार की क्षमता 78 ही होती है
हर तीसरे कोच में डाइनिंग स्पेस होता है अतः यात्रियों की संख्या 104 होती है।

डाइनिंग स्पेस में फ़ूड वेंडिंग मशीन रहती है
फायर और स्मोक डिटेक्शन सिस्टम होता है
सी सी टी वी कैमरा सुरक्षा हेतु होते हैं
इसके वेस्टिब्यूल के दरवाजे ऑटोमैटिक होते हैं।
इसके सारे डब्बे वातानुकूलित होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *