ट्रेड विंड क्या होती हैं, इसमें “ट्रेड” का क्या मतलब होता है? जानिए

Trade Winds को हिन्दी भाषा में व्यापारिक हवाएँ कहते हैं। यह हवाएँ भूमध्य रेखा के उत्तर में ३०॰ अक्षांश से दक्षिण के ३०॰ अक्षांश तक पूर्व से पश्चिम की ओर नियमित रूप से बहती हैं।

इंधन से चलने वाले जहाज़ों से पहले पालों वाले जहाज़ ही तीव्र गति से जलयात्रा के साधन थे। पन्द्रहवीं शताब्दी से उन्नीसवीं शताब्दी तक नौवहन तथा समुद्री व्यापार के लिए इस प्रकार के जहाज़ों का बोलबाला था। यह जहाज़ इन हवाओं के सहारे तेजी से अपने गन्तव्य तक पहुँच जाते थे। व्यापारिक गतिविधियों में इन हवाओं से तेजी आई तथा इससे लाभ भी बढा, इस कारण इन हवाओं को व्यापारिक हवाएँ कहते हैं।

भारत में भी मानसून को छोड़ कर अधिकांश समय यह हवाएँ चलती हैं तथा हम इन्हें पुरवाई अथवा पुरवा कहते हैं।

इन हवाओं के दोनों ओर समशीतोष्ण कटिबंधीय हवाएँ पश्चिम से पूर्व की ओर चलती हैं जिन्हें अंग्रेजी में westerlies तथा हिन्दी में पछुआ कहते हैं।

उत्तर भारत में कभी पुरवा तो कभी पछुआ चलती हैं क्योंकि यह अक्षांश इन दोनों प्रकार की हवाओं के मिलने के क्षेत्र में हैं।

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