‘टाइम कैप्सूल’ को लेकर अयोध्या में बहुत कन्फ्यूजन चालू , जानिए क्या है पूरा मामला

5 अगस्त को राम मंदिर का अयोध्या में भूमि पूजन होना है राम मंदिर भूमि पूजन के लिए अयोध्या में बहुत जोरों से तैयारियां चल रही हैं। सभी घाटों को साफ किया जा रहा है अंदर आने वाले रास्तों को सजा दिया गया है। खबर है कि कार्यक्रम में पीएम मोदी भी पहुंचने वाले हैं। इस साल से पहले ही 26 जुलाई को खबर आती है कि मंदिर के गर्भ ग्रह के पास ही जमीन खोदकर उसके अंदर टाइम कैप्सूल को रखा जाएगा। जो आने वाले कई साल तक जमीन के भीतर सुरक्षित रहेगा। कहां जा रहा है कि इस में मंदिर का सारा इतिहास भूगोल और जानकारियां दर्ज होगी ताकि भविष्य में राम जन्मभूमि और राम मंदिर का इतिहास देखा जा सके और भविष्य में कभी कोई विवाद ना हो।

यह जानकारी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य ने दी थी।

लेकिन अब इसकी कुछ दिन बाद ही राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के जनरल सेक्रेटरी ने इसका खंडन करते हुए बताया कि।

ऐसी न्यूज़ पर भरोसा ना करें कि 5 अगस्त को राम जन्मभूमि मंदिर में गर्म ग्रह के पास टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। ऐसी खबरें गलत है तथा इन पर भरोसा ना करें।

हालांकि राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य जिनका नाम कामेश्वर चौपाल है उन्होंने तो यहां तक कहा था कि जमीन को 2000 फुट तक खोदकर इस कैप्सूल को रखा जाएगा। लेकिन इसके बाद जनरल सेक्रेटरी ने भी इसका खंडन कर दिया।

हम बात रही कन्फ्यूजन की तो कन्फ्यूजन यह है कि दोनों ही सदस्य राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से जुड़े हुए हैं तो किसको सच माना जाए और किसको गलत यही कन्फ्यूजन है।

आइए बात करते हैं कि टाइम कैप्सूल होता क्या है।

एक ठोस हर मौसम का सामना करने में सक्षम कंटेनर। जमीन के अंदर यहां सड़ता गलता नहीं है। टाइम कैप्सूल को जमीन के अंदर काफी गहराई में दफना दिया जाता है। टाइम कैप्सूल को दफनाने और बनाने का मकसद होता है कि किसी स्थान के इतिहास, किसी खास वक्त, और किसी समाज के इतिहास को सुरक्षित रखना। यह एक ऐसा दस्तावेज होता है जो एक पीढ़ी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखने का इंतजाम करती है।

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