ज्योतिष शास्त्र: जानिए कितने महीने और कहर बरपाएगा कोरोना

कोरोना महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। आज सबके मन में एक ही प्रश्न है कि ये महामारी कब खत्म होगी? इसको लेकर विज्ञान के अपने तर्क हैं तो ज्योतिष शास्त्र की गणना के अपने आकलन हैं। ज्योतिष शास्त्र की कई शाखाओं में एक मंडेन एस्ट्रोलॉजी भी है, जिसमें दुनियाभर की घटनाओं का पता लगाया जा सकता है। इस शाखा में नवग्रह के साथ तीन अन्य ग्रह अरुण (यूरेनस), वरुण (नेपच्यून) और यम (प्लूटो) हैं। इनमें प्लूटो को वेस्टर्न एस्ट्रोलॉजी में ‘प्लेनेट ऑफ डेथ’ और ‘प्लेनेट ऑफ अंडरवल्र्ड’ कहा जाता है। इसलिए प्लूटो जब कभी भी महत्वपूर्ण ग्रहों के साथ संबंध बनाता है या कुछ राशियों में जैसे ही प्रवेश करता है, दुनिया में कुछ बड़े बदलाव आते हैं और बदलाव लाने के लिए प्लूटो मृत्यु को अपना हथियार बनाता है।

प्लूटो के जनवरी 2020 में मकर राशि में प्रवेश करने के बाद जनवरी से मार्च 2020 तक चार महत्वपूर्ण ग्रहों की युति (मेल) हुई। सबसे पहले 12 जनवरी को शनि के साथ, 21 मार्च 2020 को मंगल के साथ और 29 मार्च 2020 को गुरु के साथ प्लूटो की युति हुई। प्लूटो को व्यवस्था से दिक्कत है। मकर राशि और शनि व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं तो प्लूटो इस राशि में व्यवस्था को छिन्न-भिन्न कर बड़े बदलाव लाता है।

प्लूटो लाया विश्व में बड़ी आपदाएं
जब हम इतिहास में जाएंगे तो पाएंगे कि जब-जब गुरु, प्लूटो और शनि की युति हुई है, तब दुनिया में बहुत बड़े बदलाव आए हैं।

  • 420 ईसा पूर्व (2500 वर्ष पहले ) शनि, गुरु और प्लूटो साथ आए थे, तो ग्रीस की राजधानी एथेंस में महामारी के कारण हजारों लोगों की जान गई थी।
    *14वीं सदी में प्लूटो की प्लेनेटरी भूमिका के चलते यूरोप में ब्लैक डेथ यानी ब्यूबोनिक प्लेग और घातक बीमारियां फैलीं, जिससे यूरोप की 60 फीसदी जनसंख्या खत्म हो गई थी।
    *18वीं सदी में प्लूटो की वजह से ही रूस में महामारी आई। 20वीं सदी की शुरुआत में 1918 में जब स्पैनिश फ्लू फैला तो उसमें भी कहीं ना कहीं गुरु, प्लूटो और शनि की भूमिका थी। एक बार फिर से 2020 में इस युति ने अपने परिणाम दिखाए।

जनवरी 2023 तक चलेगा महामारी का दौर
मकर राशि में अभी भी शनि और प्लूटो बने हुए हैं। जनवरी 2023 में शनि प्लूटो को छोडकऱ कुंभ राशि में प्रवेश करेगा, तब तक हमारी लड़ाई इस महामारी से कभी कम तो कभी ज्यादा चलती रहेगी।

10 जून को मंद पड़ जाएगी लहर
17 मई 2021 को मंगल जैसे ही आद्र्रा नक्षत्र से पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, तब कोरोना से मानव क्षति के मामले धीरे-धीरे नीचे आना शुरू होंगे और 2 जून 2021 को मंगल जब मिथुन राशि को छोडकऱ कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, तब और राहत मिलेगी। 10 जून 2021 को सूर्य ग्रहण के बाद से कोरोना की लहर थोड़ी कम हो जाएगी।

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