जापानी लोग ज्यादा उम्र तक क्यों जीते हैं? जानिए

  1. जापानी खानपान –

A. सी- फ़ूड की बहुलता –

जापानी दूसरों के मुकाबले 25% कम कैलोरी खाते हैं। एक शोध में पाया गया था कि कम कैलोरी खाने से लीवर स्वस्थ रहता है। जापानियों के भोजन में वेज और नॉनवेज सी- फ़ूड की बहुलता होती है। U.N. की रिपोर्ट है कि जापान प्रति वर्ष लगभग 1लाख टन समुद्री शैवाल का उपभोग करता है।

जापानी अपने भोजन में समुद्री पौधों के अलावा 20 से अधिक प्रजातियों के शैवाल का उपयोग करते हैं। समुद्री शैवाल में प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में होता है वहीं इसकी कुछ किस्में केले की तुलना में अधिक पोटेशियम प्रदान करती हैं। यह प्राकृतिक आयोडीन युक्त होने के कारण थायरॉयड को नियंत्रित करने के लिए उपयोगी है। जापानी लोग ब्रेड खाने के बजाय चांवल अधिक खाते हैं, यहां ग्रीन राइस भी खाया जाता है। स्वाद बरकरार रखने के लिएइनके खाने में थोड़ी थोड़ी मात्रा में बहुत से व्यंजन शामिल होते हैं

B. मौसमी फल सब्जियों को प्रधानता –

जापानी लोग पारम्परिक व्यंजन लेना पसंद करते हैं, जिसे “वाशोकू” कहा जाता है, यह मौसमी और स्थानीय उपज पर आधारित है। ये विभिन्न प्रकार की सब्जियां और फल के अलावा फर्मेंट किया हुआ सोया अपने खाने में लेते हैं, जिससे उन्हें विटामिन और मिनिरल्स की पूर्ती होती है।

जापानी लोग भोजन को तलने की बजाय भाप (स्टीम) में पकाना या भूनना (ग्रिल) अधिक पसंद करते हैं, जिससे भोजन के पोषक तत्व नष्ट नहीं होते। इसके अलावा भोजन को धीरे-धीरे पकाया जाना जापानी कुकिंग का हिस्सा है।

C. सूप का प्रयोग –

जापान में भोजन के साथ मिसो सूप परोसा जाता है, इसे जापान की स्वस्थ आहार आदतों में प्रमुख योगदानकर्ता माना जाता है। मिसो सूप पीने से भोजन का पाचन ठीक से होता है और शरीर को शुद्ध करने में मदद मिलती है। मिसो सूप में वसा और कार्बोहाइड्रेट कम होता है और प्रोटीन की अधिकता होती है।

D. ओवर ईटिंग नहीं करते –

जापानी ओवर ईटिंग और प्लेट में खाना छोड़ने से बचते हैं इसके लिए ये लोग छोटी प्लेट्स और बाउल में खाना लेते हैं। जापान के ओकिनावा में एक कहावत है – “हारा हची बू” यानी जब आपका पेट 80% भर जाए तभी तक खाएं। इसके पीछे तर्क यह है कि मस्तिष्क को सचेत होने में समय लगता है कि पेट भरा हुआ है, इसलिए भूख से थोड़ा कम खाएं।

E. ग्रीन टी का उपयोग –

चाय पीना रोजमर्रा की जापानी जीवन शैली का एक अभिन्न अंग है, इसे एक प्रकार का अनुष्ठान समझा जा सकता है। चाय की पसंद उन्हें शीर्ष दस चाय पीने वाले देशों में शामिल करती है।

जापानियों का चाय पीने का तरीका भी अलग है।जापानी लोग मीठी दूध वाली चाय के बजाए ग्रीन टी (Green Tea) पीना बेहतर समझते हैं। यहां ग्रीन टी की दर्जनों वैरायटी होती है। रिसर्च बताते हैं कि ग्रीन टी से कैंसर का खतरा कम होता है, जो लोग दिन में पांच कप ग्रीन टी पीते हैं उनकी मृत्यु दर में कमी देखी गई है।ग्रीन टी पीने का बड़ा लाभ यह है कि इसमें सामान्य चाय या कॉफी की तुलना में एंटीऑक्सिडेंट्स ज्यादा होते हैं।

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