जाने क्या सच में गांधीजी मुसलमान थे कि वह हिंदू बनने का नाटक कर रहे थे
संजय गांधी ने १९७७ का चुनाव हारने के उपरांत तत्कालीन लोकप्रिय साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग को दिये गये साक्षात्कार में बयान दिया था, मुसलमानों का कोई भरोसा नहीं किया जा सकता है। संजय गांधी ने जामा मस्जिद, तुर्कमान गेट,लाल किला इत्यादि क्षेत्रों में मुसलमानों के हजारों अवैध दुकानों एवं अवैध निर्माण को सौंदर्यीकरण के नाम पर गिरवा दिया था।
वे सभी दुकानें एवं अवैध निर्माण १९७७ के चुनाव के उपरांत जब इंदिरा गांधी हार गयी, पुनः अस्तित्व में आ गए। भाजपा के तो प्रधानमंत्री का चेहरा जो होते हैं,
उन्हें जिन्ना , सेक्यूलर नजर आते हैं। वर्तमान सरकार का नारा है —- सबका साथ,सबका विकास,सबका विश्वास, जबकि संजय गांधी का बयान था। मुसलमानो का कोई विश्वास नहीं। आप स्वयं निर्णय करें, कौन क्या ढोंग कर रहा है।