जानिए हिन्दू मंदिरों के ऊपर झंडा ज्यादातर त्रिकोणीय आकार का क्यों होता है?
हिंदू मंदिरों पर भगवे रंग का तिकोना झंडा आज से नहीं बल्कि आर्य सभ्यता के समय से है. आर्य सिंधू नदी पार कर मैदानी ईलाकों में आये तो दूर से अपनी उपस्थिति दिखाने उन्होंने भगवा ध्वज लगाना शुरू किया.
यह प्रतिक था सूर्य उपासना का. बाद में आर्य राजाओं ने इस पर अपने प्रतिक सूर्य या कुल देवता अंकित किये.
मैदानी इलाके में ध्वज हवा से जल्द फटता था इसलिये उसे त्रिकोणी कट लगाया जाता था.