जानिए मच्छर हमारा खून क्यों पीते हैं

प्रकृति के हर जीव की तरह मच्छर भी हमारे पर्यावरण के संतुलन के लिएअवश्यक हैं। लेकिन मच्छर की वजह से पूरी मानव जाती और अन्य जानवर भी परेशान हैं। हम सभी, कभी न कभी मछरों का शिकार ज़रूर हुए हैं। कभी वह तीखी और बेहद परेशान कर देने वाली आवाज़ और कभी उनके डंकों की यातना। मच्छर खास कर रात में परेशान कर देता है |

लेकिन आपको बता दें कि केवल मादा मच्छर ही खून पीती हैं। क्योंकि खून में मौजूद प्रोटीन उनके अण्डों की विकास के लिए आवश्यक है। अपनी प्रजाति को बढ़ाने और उसकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी मादा की ही होती है | क्योंकि प्राकृतिक रूप से ये अंडे देना मादा की सहज वृत्ति का अभिन्न भाग होता है। हालाँकि मच्छर अपना पेट भरने के लिए फूलों का रस, काफी होते हैं और नर मच्छर की तरह वो भी इसी पर निर्भर भी रहती है।

परन्तु अण्डों के लिए ज़रूरी प्रोटीन उपलब्ध न होने की वजह से, मादा के पास केवल खून ही एक विकल्प रह जाता है।एक बार में एक मादा मच्च्छर लगभग तीन मिलीग्राम

तक खून पीती है। मच्छर डंक मारने से पहले हमारे अन्दर अपने sliva (थूक) डालते हैं ताकि जब तक वे खून पिने में आसानी हों और इसी कारण हमे खुजली होती है।

मच्छर के डंक में कीटाणु और वायरस भी मौजूद रहते

हैं और ये कीटाणु कभी कभी हमे बहुत बीमार कर देने

के लिए काफी होते हैं।

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