जानिए गायत्री मन्त्र का जप कब फलीभूत होता है?

हमेशा फलीभूत होता है। सिद्ध महात्माओं का कथन है की आज तक किसी का भी कैसे भी जपा गया गायत्री महामंत्र निष्फल नही जाता।

गायत्री की तुलना अमृत, पारस, कल्पवृक्ष, कामधेनु गाय से की गई है। लेकिन सबको वैसा फल नही मिलता। अगर ऐसा फल चाहिए तो उसके लिये तीन बातें आवश्यक है।

1- अटूट श्रद्धा। एक को पकड़ के चलें, थोड़े थोड़े दिनों में इसको छोड़ उसको पकड़ या इसे भी कर लें उसे भी करले वाले कभी कहीं नही पहुंच पाते, असफल ही रहते हैं।

2- चरित्रवान व्यक्तित्व

3- उच्च उद्देश्य। निम्न उद्देश्यों के लिये की गई गायत्री साधना का फल वैसा नही मिलता।

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