जानिए क्यों मिटी के तेल से ही उड़ते हैं हवाई जहाज

केरोसिन आयल यानी मिट्टी का तेल। दोस्तो ये केरोसिन आयल कोई आम घरों में यूज होने वाला मिट्टी का तेल नहीं होता बल्कि इसे किसी खास प्रोसेस से एक्स्ट्रा प्यूरीफाई किया जाता है। अच्छी तरह से तैयार होने के बाद ही इसे जहाज में ईंधन के तौर पर यूज किया जाता है। दोस्तों आपके दिमाग में यह सवाल जरूर होगा कि आखिर क्यों दूसरे ईंधनों के मुकाबले मिट्टी का तेल ही जहाज में यूज किया जाता है तो आइए जानते हैं कैरोसिन ऑयल के कुछ बेहद मजेदार फैक्ट्स।

1. फ्रीजिंग पॉइंट

दोस्तों केरोसिन ऑयल का जो फ्रीजिंग प्वाइंट है वह दूसरे किसी फ्यूल के मुकाबले काफी कम होता है और कम फ्रीजिंग पॉइंट ईंधन को हद से ज्यादा ठंडे तापमान में जमाने से रोकता है। 

2. हाई फ़्लैश पॉइंट

दोस्तों कैरोसिन ऑयल का फ्लैशपॉइंट दूसरे किसी ईंधन के मुकाबले काफी ज्यादा होता है। आपको बता दें कि फ्लैशपॉइंट एक तरह का तापमान है, जिसमें combustion केमिकल्स लगातार जलते हैं और काफी तेजी से फ्यूम्स में बदलते हैं। इससे जहाज को उड़ान भरने के लिए इंजन में काफी ज्यादा और काफी तेजी से पावर जनरेट होती है।

3.कम विस्कोसिटी

दोस्तों कैरोसिन ऑयल की विस्कोसिटी दूसरे किसी ईंधन के मुकाबले काफी कम होती है। साफ शब्दों में कहें तो केरोसिन ऑयल दूसरे ईंधनों के मुकाबले ज्यादा चिपचिपा नहीं होता। अगर गैसोलीन जा किसी दूसरे फ्यूल की तरह आयल जितना ज्यादा गहरा होगा तो ये जहाज के अंदरूनी हिस्सों में जम जाएगा जिससे फ्लाइट केे दौरान इंजन को काफी खतरा रहेगा।

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